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आरा सदर अस्पतालः स्ट्रेचर नहीं मिलने पर ब्रेन हैमरेज बुजुर्ग महिला मरीज को बोरे में लपेटकर ले जाना पड़ा सीटी स्कैन कराने, भटकते रहे घरवाले

By एस पी सिन्हा | Updated: September 11, 2021 19:55 IST

मरीज इमादपुर थाना क्षेत्र के बिहटा गांव निवासी स्व. विश्वनाथ पंडित की 80 वर्षीया पत्नी फूलझारो कुंअर है.

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ठळक मुद्देस्ट्रेचर पोस्टमार्टम रूम में गया है और एक वार्ड में गया है.सीटी स्कैन सेंटर से वापस इमरजेंसी वार्ड लाया गया. इमरजेंसी वार्ड में सिर्फ दो ही स्ट्रेचर हैं.

पटनाः बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने वाली एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें स्ट्रेचर नही मिलने के कारण मरीज उसके परिजन बोरे में टांगकर ले जा रहे हैं.

यह तस्वीर भोजपुर जिले के सदर अस्पताल आरा की बताई जा रही है. आरा सदर अस्पताल आईएसओ से मान्यता प्राप्त है, लेकिन अस्पताल के इमरजेंसी में ब्रेन हैमरेज से पीडित एक बुजुर्ग महिला मरीज को स्ट्रेचर के अभाव में इलाज के लिए बोरे पर सुलाकर ओपीडी स्थित सीटी स्कैन सेंटर से इमरजेंसी वार्ड में लाते नजर आए. 

बताया जाता है कि मरीज इमादपुर थाना क्षेत्र के बिहटा गांव निवासी स्व. विश्वनाथ पंडित की 80 वर्षीया पत्नी फूलझारो कुंअर है. उनके परिजनों ने बताया कि अचानक उनकी तबियत खराब हो गई और जब डॉक्टर से उनको दिखाया गया तो उनका ब्रेन हैमरेज होने की बात बताई गई. जिसके बाद हम लोग उनका इलाज कराने के लिए आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लाये.

यहां डॉक्टर ने बताया कि उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया है. इसके बाद उन्हें देखकर सीटी स्कैन कराने की सलाह दी. जब उन्हें सिटी स्कैन सेंटर ले जाने के लिए इमरजेंसी वार्ड के स्वास्थ्य कर्मियों से स्ट्रेचर की मांग की गई तो उन्होंने बताया कि एक स्ट्रेचर पोस्टमार्टम रूम में गया है और एक वार्ड में गया है.

इमरजेंसी वार्ड में सिर्फ दो ही स्ट्रेचर हैं. अस्पताल प्रबंधन द्वारा जब मरीज को स्ट्रेचर नहीं मुहैया कराया गया तो मजबूरी में परिजन पॉलीथीन शीट(बोरा) में महिला को किसी तरह लपेट कर एक वार्ड से दूसरे वार्ड का चक्कर लगाने लगे. इसके बाद उन्हें सीटी स्कैन सेंटर से वापस इमरजेंसी वार्ड लाया गया.

वहीं, इस मामले में सफाई देते हुए सदर अस्पताल के मैनेजर कौशल किशोर दुबे ने कहा कि स्ट्रेचर व्यस्त होने के कारण मरीज के परिजनों को कुछ देर इंतजार करने के लिए बोला गया था. लेकिन बिना बताये ही परिजन मरीज को किसी तरह टांग कर इलाज करवाने के लिए निकल गए. जबकि अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी नहीं है. 

टॅग्स :बिहारपटनानीतीश कुमार
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