राजस्थान में विधायक कोष की राशि पांच करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने की स्वीकृति
By भाषा | Updated: May 10, 2021 22:08 IST2021-05-10T22:08:21+5:302021-05-10T22:08:21+5:30

राजस्थान में विधायक कोष की राशि पांच करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने की स्वीकृति
जयपुर, 10 मई राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की अनुशंसा के आधार पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली राषि 2.25 करोड़ रूपए प्रति वर्ष से बढ़ाकर 5 करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
गहलोत ने वित्त वर्ष 2021-22 के राज्य बजट में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (विधायक कोष) के तहत दी जाने वाली राषि बढ़ाकर पांच करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने की घोषणा की थी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्त वर्ष में प्रत्येक विधायक के लिए दी जाने वाली पांच करोड़ रूपए की राशि में से तीन करोड़ रूपए राज्य में 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को नि:शुल्क कोविड टीकाकरण के लिए उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसके लिए कुल 600 करोड़ रूपए की राशि राज्य स्तर से ही मुख्यमंत्री राहत कोष के टीकाकरण कोष अकाउंट में जमा कराई जाएगी।
एक सरकारी बयान के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 के अनुसार ही विधायक कोष से एक करोड़ रूपए विधानसभा क्षेत्र में चिकित्सा से जुडे़ आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए उपकरण, भवन आदि की उपलब्धता अथवा आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की स्थापना के लिए विधायक की अनुशंसा के अनुसार उपयोग में लाई जाएगी।
इसके अतिरिक्त विधायक कोष में से वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 25 लाख रूपए की राशि का उपयोग प्रदेश में कोविड महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगाये गये कर्फ्यू, जन अनुशासन पखवाड़ा आदि के दौरान जरूरतमंद तबके जैसे-गरीब, निराश्रित, असहाय, दिहाड़ी मजदूर को सामाजिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए फूड पैकेट, भोजन सामग्री के वितरण आदि के लिए किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने प्रदेश में कोरोना की दूसरी घातक लहर से लोगों को बचाने के उद्देश्य से 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए निशुल्क टीकाकरण करने की घोषणा की थी। राज्य में इस आयु वर्ग के लोगों की संख्या अनुमानतः 3.75 करोड़ से 4 करोड़ के बीच है।
इस आयु के युवा वर्ग को निशुल्क टीके की दोनों खुराक लगाने के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में राज्य सरकार करीब दो हजार 500 करोड़ रूपए व्यय करेगी।
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