‘मानविकी में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए व्यावहारिक गणित को गणित विषय के बराबर माना जाए’

By भाषा | Updated: September 17, 2021 15:38 IST2021-09-17T15:38:35+5:302021-09-17T15:38:35+5:30

'Applied Mathematics to be treated at par with Mathematics for admission to undergraduate courses in Humanities' | ‘मानविकी में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए व्यावहारिक गणित को गणित विषय के बराबर माना जाए’

‘मानविकी में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए व्यावहारिक गणित को गणित विषय के बराबर माना जाए’

नयी दिल्ली, 17 सितंबर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे मानविकी और वाणिज्य में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कुल अंकों का आकलन करते समय बारहवीं कक्षा के छात्रों के वास्ते व्यावहारिक गणित को गणित विषय के बराबर ही मानें।

यूजीसी का यह निर्देश केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के आग्रह के बाद आया है जिसमें उल्लेख किया गया था कि कुछ विश्वविद्यालयों ने यह अनिवार्य कर दिया है कि स्नातक में अर्थशास्त्र, वाणिज्य और सामाजिक विज्ञान विषयों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों ने वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में गणित की पढ़ाई की हो।

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को भेजे एक पत्र में कहा है, ‘‘केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए व्यावहारिक गणित विषय की शुरुआत की है। बोर्ड परीक्षा में इस विषय के थ्योरी के लिए 80 और प्रायोगिक कार्य के लिए 20 अंकों की व्यवस्था की गई है। यह एक नियमित शैक्षिक विषय है।’’

जैन ने कहा, ‘‘छात्रों द्वारा इस विषय में प्राप्त किए गए अंकों को प्रवेश के वास्ते पात्रता पर निर्णय करने के लिए कुल अंकों के आकलन में शामिल किया जा सकता है। इसलिए, मानविकी और वाणिज्य तथा विशुद्ध विज्ञान विषयों को छोड़कर अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए व्यावहारिक गणित को गणित विषय के बराबर माना जा सकता है।’’

आयोग ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के वास्ते नए विषय व्यावहारिक गणित को मान्यता देने के लिए उचित कार्रवाई करें।

सीबीएसई ने मौजूदा गणित विषय के अतिरिक्त वैकल्पिक विषय के रूप में व्यावहारिक गणित की शुरुआत की थी।

इसने हाल में यूजीसी को पत्र भेजकर कहा था, ‘‘ऐसा संज्ञान में आया है कि कुछ विश्वविद्यालयों ने यह अनिवार्य कर दिया है कि अर्थशास्त्र, वाणिज्य और सामाजिक विज्ञान विषयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छात्रों ने वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर गणित विषय की पढ़ाई की हो।’’

सीबीएसई ने कहा था कि इसके मद्देनजर आपसे (यूजीसी) आग्रह किया जाता है कि संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए व्यावहारिक गणित को मौजूदा गणित विषय के बराबर माना जाए।

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