पुलिस की ओर से जारी नोटिस रद्द करने के अनुरोध वाली अर्जी सुनवायी योग्य नहीं: बंगाल सरकार ने अदालत से कहा

By भाषा | Updated: September 21, 2021 20:05 IST2021-09-21T20:05:33+5:302021-09-21T20:05:33+5:30

Application seeking cancellation of notice issued by police not maintainable: Bengal government to court | पुलिस की ओर से जारी नोटिस रद्द करने के अनुरोध वाली अर्जी सुनवायी योग्य नहीं: बंगाल सरकार ने अदालत से कहा

पुलिस की ओर से जारी नोटिस रद्द करने के अनुरोध वाली अर्जी सुनवायी योग्य नहीं: बंगाल सरकार ने अदालत से कहा

नयी दिल्ली, 21 सितंबर पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की वह याचिका ‘‘विचार योग्य नहीं है’’ जिसमें उसने तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा दर्ज करायी गई एक प्राथमिकी के आधार पर एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ जारी दो नोटिस रद्द करने का अनुरोध किया है।

समय की कमी के कारण, न्यायमूर्ति योगेश खन्ना मामले पर विस्तार से सुनवाई नहीं कर सके और उन्होंने निदेशालय की याचिका को 24 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

ईडी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस कथित कोयला चोरी घोटाले की जांच को पटरी से उतारने के लिए बनर्जी के इशारे पर काम कर रही है।

ईडी ने बनर्जी द्वारा अप्रैल में एक प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के बाद एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ जारी दो नोटिस रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

गत अप्रैल में, टीएमसी सांसद की शिकायत पर, पश्चिम बंगाल में स्थानीय पुलिस ने प्रतिष्ठा धूमिल करने और मानहानि के उद्देश्य से रिकार्ड के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़, जालसाजी को लेकर भारतीय दंड संहिता के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि याचिका विचार योग्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ईडी पश्चिम बंगाल में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में राहत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका कैसे दायर कर सकता है।

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू और अधिवक्ता अमित महाजन ने आग्रह किया कि सुनवाई की अगली तारीख तक ईडी अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाए।

ईडी के वकील ने कहा, ‘‘उन्हें क्यों परेशान किया जाना चाहिए और क्यों पश्चिम बंगाल बुलाया जाना चाहिए।’’

इस पर गौर करते हुए अदालत ने मौखिक रूप से कहा, ‘‘श्रीमान लूथरा कृपया देखें कि सुनवाई की अगली तारीख तक कुछ नहीं हो।’’

ईडी ने दलील दी है कि प्राथमिकी के आधार पर 22 जुलाई और 21 अगस्त का जारी नोटिस पूरी तरह गैरकानूनी , दुर्भावनापूर्ण और कोयला कांड की जांच का पटरी से उतारने के लिए हैं।

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Web Title: Application seeking cancellation of notice issued by police not maintainable: Bengal government to court

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