मौत से पहले एपीजे अब्दुल कलाम ने दिया था मिसाइल प्लान, DRDO चीफ से कही थी ये बात
By भाषा | Updated: July 27, 2019 02:43 IST2019-07-27T02:43:03+5:302019-07-27T02:43:03+5:30
वर्ष 2012 में डीआरडीओ के तत्कालीन प्रमुख वी के सारस्वत ने दूरदर्शन को दिये एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत दोबारा उपयोग में लाई जा सकने वाली मिसाइल प्रणाली विकसित करने की योजना बना रहा है।

मौत से पहले एपीजे अब्दुल कलाम ने दिया था मिसाइल प्लान, DRDO चीफ से कही थी ये बात
अपने निधन से महज महीने भर पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने मौजूदा डीआरडीओ प्रमुख सतीश रेड्डी को दोबारा उपयोग में लाई जा सकने वाली मिसाइल प्रणाली पर काम करने के लिए कहा था। रेड्डी उस वक्त रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार थे। रेड्डी ने कलाम से हुई मुलाकात को याद करते हुए बताया कि वैज्ञानिक सलाहकार बनने के बाद उन्होंने उनसे (कलाम से) उनके निधन से महज महीने भर पहले उनके आवास पर मुलाकात की थी। कलाम ने दोबारा उपयोग में लाई जा सकने वाली मिसाइलों का विचार दिया। एक ऐसी मिसाइल जो पेलोड ले जा सके, फिर वापस आ जाए और एक बार फिर दूसरा पेलोड ले जाए ‘‘...इस तरह की प्रणाली पर काम करिये।’’
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख ने बताया कि पहली बार बतौर एक युवा वैज्ञानिक वह 1986 में कलाम से मिले थे। वर्ष 2012 में डीआरडीओ के तत्कालीन प्रमुख वी के सारस्वत ने दूरदर्शन को दिये एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत दोबारा उपयोग में लाई जा सकने वाली मिसाइल प्रणाली विकसित करने की योजना बना रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘फिर से उपयोग में लाये जा सकने वाले प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी प्रदर्शक’ (आरएलवी-टीडी) का सफल परीक्षण किया है।