शीर्ष अदालत ने भिखारियों के पुनर्वास व टीकाकरण के लिए दायर याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: July 27, 2021 15:04 IST2021-07-27T15:04:32+5:302021-07-27T15:04:32+5:30

Apex court seeks response from Centre, Delhi government on petition filed for rehabilitation and vaccination of beggars | शीर्ष अदालत ने भिखारियों के पुनर्वास व टीकाकरण के लिए दायर याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

शीर्ष अदालत ने भिखारियों के पुनर्वास व टीकाकरण के लिए दायर याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 27 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भिखारियों और बेसहारा लोगों के पुनर्वास और टीकाकरण के लिए दायर याचिका पर मंगलवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा।

शीर्ष अदालत ने साफ किया कि सड़कों पर भिखारियों को नहीं आने की इजाजत देने के मामले में वह ‘अभिजात्‍यवादी नजरिया’ नहीं अपनाएगा। न्यायालय ने कहा कि भिक्षावृत्ति एक सामाजिक- राजनीतिक समस्या है और शिक्षा और रोजगार की कमी के कारण आजीविका की कुछ बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग पर सड़कों पर भीख मांगने पर मजबूर होते हैं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से कहा कि वह उस याचिका के एक हिस्से में किए गए उस आग्रह पर विचार नहीं करेंगे जिसमें अधिकारियों को भिखारियों, आवारा और बेघर लोगों को सार्वजनिक स्थानों या यातायात चौक पर भीख मांगने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा कि वह याचिका में किए गए उस आग्रह पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगेगी जिसमें महामारी के बीच भिखारियों और आवारा लोगों के पुनर्वास, उनके टीकाकरण और उन्हें आश्रय और भोजन उपलब्ध कराने की गुजारिश की गई है।

पीठ ने कहा, “ उच्चतम न्यायालय के रूप में, हम अभिजात्‍यवादी दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहेंगे कि सड़कों पर कोई भी भिखारी नहीं होना चाहिए।”

याचिका में किये गए अनुरोधों के एक अंश का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि इसमे लोगों को सड़कों पर भीख मांगने से रोकने का आग्रह किया जा रहा है।

उसने कहा, “ यह गरीबी की सामाजिक-आर्थिक समस्या है। विचार यह है कि उनका पुनर्वास किया जाए, उन्हें और उनके बच्चों को शिक्षा दी जाए। ” पीठ ने कहा कि ऐसा लोगों के पास कोई विकल्प नहीं होता है और कोई भी भीख मांगना नहीं चाहता है।

पीठ ने कहा कि यह सरकार की सामाजिक कल्याण नीति का 'व्यापक मुद्दा' है और शीर्ष अदालत यह नहीं कह सकती कि “ऐसे लोगों को हमारी नजरों से दूर रखा जाना चाहिए।”

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि प्रार्थना का उद्देश्य उनका पुनर्वास करना है और यह सुनिश्चित करना है कि महामारी की स्थिति के बीच उनका टीकाकरण हो, उन्हें भोजन और आश्रय दिया जाए।

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में मदद करने का अनुरोध किया और इसके साथ ही याचिका को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

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Web Title: Apex court seeks response from Centre, Delhi government on petition filed for rehabilitation and vaccination of beggars

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