ईडब्ल्यूएस कोटे से भाई की नियुक्ति के मामले में किसी भी जांच को तैयार : सतीश द्विवेदी

By भाषा | Updated: May 23, 2021 19:08 IST2021-05-23T19:08:37+5:302021-05-23T19:08:37+5:30

Any investigation ready for appointment of brother from EWS quota: Satish Dwivedi | ईडब्ल्यूएस कोटे से भाई की नियुक्ति के मामले में किसी भी जांच को तैयार : सतीश द्विवेदी

ईडब्ल्यूएस कोटे से भाई की नियुक्ति के मामले में किसी भी जांच को तैयार : सतीश द्विवेदी

सिद्धार्थनगर/लखनऊ 23 मई उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा है कि 'आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग' कोटे से सहायक प्रोफेसर के पद पर सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में उनके भाई की नियुक्ति को लेकर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं और वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।

वहीं, कांग्रेस ने मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

द्विवेदी ने सोनभद्र में इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा कि उनकी तथा उनके भाई की आमदनी में अंतर है और नियुक्ति को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का कोई आधार नहीं है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चयन के लिए जो प्रक्रिया अपनानी थी, उसमें किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है, फिर भी अगर किसी को कुछ गलत लगता है तो वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।

इस बीच, कांग्रेस ने द्विवेदी के भाई की आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग कोटे से सहायक प्रोफेसर पद पर ही हुई नियुक्ति की जांच की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री की संलिप्तता की भी जांच कराई जाए।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, "मंत्री के भाई आर्थिक रूप से कमजोर कैसे हो सकते हैं? उन्होंने किसकी सिफारिश पर जिला प्रशासन से निर्धन आय वर्ग का प्रमाण पत्र हासिल किया, इसकी भी जांच जरूरी हो गई है।"

उन्होंने इस नियुक्ति को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री की इस पूरे प्रकरण में गंभीर संलिप्तता है और वह सवालों से बच रहे हैं। इस मामले में उनकी भूमिका की जांच की जानी चाहिए। उन्हें सामने आकर बताना चाहिए कि उनके भाई गरीब कैसे हो गए और उन्हें निर्धन आय वर्ग का प्रमाण पत्र किसकी सिफारिश पर मिला।

वहीं, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने रविवार को इस बारे में कहा कि अरुण द्विवेदी की आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा से विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई है।

उन्होंने कहा कि नियुक्ति करते वक्त उन्हें यह मालूम नहीं था कि अरुण प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई हैं। उन्हें सोशल मीडिया से इस बारे में पता चला।

कुलपति ने कहा कि अगर अरुण की नियुक्ति के लिए लगाया गया ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र फर्जी मिला तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही होगी।

उन्होंने बताया कि अरुण कुमार की नियुक्ति आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी कोटे में मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर के पद पर की गई है जिन्होंने पिछले शुक्रवार को विश्वविद्यालय में अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है।

कुलपति का कहना है कि मनोविज्ञान विभाग के इस पद के लिए लगभग 150 आवेदन आए थे। मेरिट के आधार पर 10 आवेदकों का चयन किया गया। इसमें अरुण कुमार पुत्र अयोध्या प्रसाद भी शामिल हैं। इन 10 आवेदकों का साक्षात्कार लिया गया जिसमें अरुण का मेरिट में दूसरा स्थान रहा। साक्षात्कार, शैक्षणिक योग्यता तथा अन्य मदों के अंक जोड़ने पर अरुण पहले स्थान पर आ गए। इसलिए उनका चयन हुआ है।

बहरहाल, मंत्री के भाई की गरीब कोटे से नियुक्ति को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बात को लेकर भी सवाल किए जा रहे हैं कि आखिर जब कुलपति का कार्यकाल 21 मई तक ही था तब 20 मई को उनका कार्यकाल अगले कुलपति की नियुक्ति होने तक क्यों बढ़ा दिया गया।

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