रायपुर: देश के नक्सल विरोधी अभियानों में भाग लेने वाले 12 से अधिक हेलिकॉप्टरों में सीआरपीएफ एयर एंबुलेंस जैसी सुविधाएं जोड़ रहा है। सीआरपीएफ ने यह पहल अपने बलों में हताहतों की संख्या कम करने के लिए की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हेलिकॉप्टर वाली एयर एंबुलेंस सेवा के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में सीआरपीएफ के कैंप में सोमवार से शुरू किया गया। यह मॉड्यूल बलों के चिकित्सकों और पराचिकित्सा कर्मियों के लिए था। अधिकारियों ने कहा कि हेलीकॉप्टर जब गंभीर रूप से घायल अथवा बीमार जवानों को लाने के लिए किसी मिशन उड़ान में होते हैं तो उनमें केवल मामूली दवाइयां और चिकित्सक होते हैं।
उड़ान के दौरान तत्काल विशेष चिकित्सा सुविधा देना संभव नहीं होता। उन्होंने बताया कि घायल जवान को उठाने और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने में जितना वक्त लगता है उसमें जवानों में अत्यधिक रक्तस्राव होता है और अभियान के दौरान घायल हुए जवान को बचाने का अहम वक्त जाया हो जाता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ के नए प्रमुख ए पी माहेश्वरी ने निर्देश दिया है कि 12 से अधिक हेलिकॉप्टरों में एयर एंबुलेंस जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएं ताकि जैसे ही इनमें किसी घायल को अथवा बीमार को पहुंचाया जाए, वहां मौजूद चिकित्सक उन्हें जीवन रक्षक उपचार दे सकें। ये हेलीकॉप्टर वायु सेना और बीएसएफ से लिए जाते हैं। ये हेलीकॉप्टर छत्तीसगढ़ के जगदलपुर और रायपुर में तथा झारखंड के रांची में हैं।
गौरतलब है कि सीआरपीएफ के महानिदेशक माहेश्वरी ने हाल ही में सैनिकों को भेजे एक संदेश में कहा था कि ‘‘नवोन्मेषी जीवन रक्षक चिकित्सा सुविधाएं शीघ्र शुरू हो जाएंगी।’’