धनशोधन निरोधक कानून का इस्तेमाल ‘हथियार’ के रूप में नहीं किया जा सकता: शीर्ष अदालत

By भाषा | Updated: December 15, 2021 21:32 IST2021-12-15T21:32:18+5:302021-12-15T21:32:18+5:30

Anti-Money Laundering Act cannot be used as 'weapon': Supreme Court | धनशोधन निरोधक कानून का इस्तेमाल ‘हथियार’ के रूप में नहीं किया जा सकता: शीर्ष अदालत

धनशोधन निरोधक कानून का इस्तेमाल ‘हथियार’ के रूप में नहीं किया जा सकता: शीर्ष अदालत

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धनशोधन रोकथाम कानून के अंधाधुंध इस्तेमाल से कानून का ‘‘मूल्य’’ प्रभावित होगा और इसे लोगों को सलाखों के पीछे डालने के लिए ‘हथियार’ के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी धनशोधन मामले में झारखंड की एक कंपनी की अपील पर सुनवाई के दौरान की।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘‘यदि आप ईडी की कार्यवाही का अंधाधुंध उपयोग करना शुरू करते हैं तो कानून अपनी प्रासंगिकता खो देगा।’’

पीठ ने कहा, ‘‘ईडी ‘अधिनियम को कमजोर’ कर रहा है। सिर्फ इस मामले में नहीं। अगर आप 1,000 रुपये और 100 रुपये के मामले में ईडी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, तो क्या होगा। आप हर किसी को सलाखों के पीछे नहीं डाल सकते हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘इस तरह के अंधाधुंध उपयोग से अधिनियम के मूल्य पर असर पड़ेगा।’’

स्टील कंपनी उषा मार्टिन लिमिटेड ने लौह अयस्क फाइन्स (आईओएफ) के निर्यात से संबंधित एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है।

फर्म ने आपराधिक कार्यवाही के संबंध में पीएमएलए के तहत अपराधों के लिए सीबीआई के जिला सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश के समक्ष ईडी के समन को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने तीन नवम्बर 2021 को याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद शीर्ष अदालत में अपील की गई थी।

शीर्ष अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी किया और अपीलकर्ताओं को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई को लेकर संरक्षण दिया।

याचिका में कहा गया है कि ईडी की कार्यवाही इस आधार पर थी कि कंपनी आईओएफ के निर्यात में शामिल थी और इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार के साथ लीज समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया गया था।

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Web Title: Anti-Money Laundering Act cannot be used as 'weapon': Supreme Court

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