खोरी गांव में अंतिम चरण का अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू

By भाषा | Updated: July 14, 2021 20:50 IST2021-07-14T20:50:11+5:302021-07-14T20:50:11+5:30

Anti-encroachment campaign of the last phase started in Khori village | खोरी गांव में अंतिम चरण का अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू

खोरी गांव में अंतिम चरण का अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू

चंडीगढ़, 14 जुलाई हरियाणा में फरीदाबाद के खोरी गांव के निकट वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय की समय सीमा के करीब आने के साथ ही नगर निकाय अधिकारियों ने बुधवार को अवैध ढांचों को तोड़ने के लिए अंतिम चरण का अभियान शुरू कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि 172 एकड़ में फैली वन भूमि पर पिछले कुछ सालों में किए गए सभी अतिक्रमणों को हटाने के लिए फरीदाबाद नगर निगम ने कई टीमों को लगाया गया है। खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में करीब 10,000 आवासीय ढांचे हैं, जिन्हें हटाने का आदेश शीर्ष अदालत ने दिया है।

न्यायालय ने अपने सात जून के आदेश में लकरपुर खोरी गांव के पास वन भूमि से छह सप्ताह के अंदर अतिक्रमण हटाने के बाद राज्य सरकार के अधिकारियों से अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी थी।

अधिकारियों ने बताया कि बुलडोजर और अन्य उपकरणों को काम पर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए 2,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, अभियान को पूरा होने में कुछ दिन लग सकते है और इसे शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा। पुलिस ने गांव में प्रवेश और निकास स्थानों पर बैरिकेड लगा दिए हैं।

उन्होंने बताया कि बुधवार को अभियान शुरू करने से पहले, अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में प्रवेश और निकास स्थानों पर स्थित सभी ढंचों को तोड़ दिया था ताकि रास्ता साफ हो सके और भारी वाहन व बुलडोजर आसानी से अंदर पहुंच सकें और क्षेत्र के सभी अतिक्रमणों को हटा सकें।

हालांकि, बुधवार को बारिश के कारण अभियान को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। अधिकारियों ने ढांचों को गिराना शुरू किया तो झुग्गी बस्ती में बरसों से रहने वाले लोगों ने कहा कि सरकार को उनका पुनर्वास करना चाहिए।

मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने पत्रकारों से कहा कि वह पिछले 14 साल से खोरी गांव में रह रहा था और उसके पास अब कहीं जाने के लिए जगह नहीं है।

ऑटो-रिक्शा चालक ने कहा, “मुझे पत्नी और एक नाबालिग बेटी की देखभाल करनी होती है। इस महामारी के बीच अब हमारे पास कहीं जाने के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपनी सारी बचत अपना घर बनाने में खर्च कर दी है। अब मेरे पास कुछ नहीं बचा। सरकार को हमारा पुनर्वास करना चाहिए।”

उसकी तरह ही कई लोग है जो यही बात कहते हैं। कुछ ने कहा कि सरकार को उन सभी का पुनर्वास करना चाहिए जो अदालत के आदेश से प्रभावित होंगे।

फरीदाबाद नगर निगम की आयुक्त गरिमा मित्तल ने बुधवार को फरीदाबाद में संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अक्षरश: पालन किया जाएगा और निर्धारित समय सीमा में ढांचो को हटा दिया जाएगा।

उन्होंने दोहराया कि हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद के खोरी झुग्गी बस्ती के बाशिंदों के लिए पुनर्वास योजना तैयार की है जिसके तहत उन्हें पास के डबुआ कॉलोनी और बापू नगर क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी में फ्लैट मिलेंगे और उनमें बिजली, पानी और शौचालय की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें निश्चित मासिक किस्तों में फ्लैट की कीमत का भुगतान करना होगा।

पिछले कुछ वर्षों में फरीदाबाद जिले के अरावली जंगल के खोरी इलाके में लगभग 50,000 प्रवासी बस गए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Anti-encroachment campaign of the last phase started in Khori village

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे