कर्नाटक विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश, कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया

By भाषा | Updated: December 21, 2021 19:45 IST2021-12-21T19:45:30+5:302021-12-21T19:45:30+5:30

Anti-conversion bill introduced in Karnataka assembly, Congress strongly protested | कर्नाटक विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश, कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया

कर्नाटक विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश, कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया

बेलगावी, 21 दिसंबर कांग्रेस के कड़े विरोध के बीच मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया गया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने विधेयक पेश करने के विरोध में अपनी मेज पर रखे कागज भी फाड़ दिए। विधेयक को उनकी पार्टी ने “कठोर और संविधान विरोधी” करार दिया।

गृह मंत्री ए ज्ञानेंद्र द्वारा विधानसभा में पेश किया गया “कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार संरक्षण विधेयक, 2021”, धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा प्रदान करता है और गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी कपटपूर्ण तरीके द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाता है।

विधेयक में 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल की कैद का प्रस्ताव है, जबकि नाबालिगों, महिलाओं, एससी/एसटी के संबंध में प्रावधानों के उल्लंघन के लिए, अपराधियों को तीन से दस साल तक की कैद और कम से कम 50 हजार रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।

प्रस्तावित विधेयक में अभियुक्तों को धर्म परिवर्तन कराने वालों को मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपये तक का भुगतान करने का भी प्रावधान किया गया है।

सामूहिक धर्मांतरण के संदर्भ में विधेयक में तीन से 10 साल तक की कैद के साथ ही एक लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।

अवैध धर्मांतरण कराकर शादी कराए जाने को लेकर भी इसमें सजा के साथ ही उक्त विवाह को अवैध घोषित करने का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक के तहत अपराध गैरजमानती व संज्ञेय है।

दोपहर के भोजन के बाद विधानसभा में पेश किये गए विधेयक पर कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वे विधेयक पेश करने का विरोध कर रहे हैं।

विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा, “हम विधेयक पेश करने के विरोध में हैं क्योंकि यह मौलिक अधिकारों और संविधान का उल्लंघन करता है। यह व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन करता है। यह एक कठोर विधेयक है।”

विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने कांग्रेस सदस्यों से कहा कि वह अभी पेश किए गए विधेयक को पहले देख लें। इस पर कल ही विचार किया जाएगा और तब विपक्षी सदस्य अपनी आपत्तियों से अवगत करा सकते हैं।

जब सिद्धरमैया ने कहा कि उन्हें विधेयक को पेश किए जाने की जानकारी नहीं है, विधानसभा अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि “कानून की अज्ञानता कोई बहाना नहीं है” और विधेयक को प्रक्रियाओं और नियमों के अनुसार पेश किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह सदन की कार्यवाही के पूरक एजेंडे में था।

भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि विधेयक पेश किया गया है और इस पर चर्चा होने दें। कांग्रेस के डी के शिवकुमार और सिद्धरमैया ने कहा कि विधेयक को “लुका-छिपी” के माध्यम से पेश किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष कागेरी ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा, “मेरे द्वारा सब कुछ नियम के अनुसार किया जाता है, एजेंडे में विधेयक का उल्लेख है, यदि विधेयक को लेकर आपको कोई मतभेद है तो इसे व्यक्त करें, इस तरह के आरोप न लगाएं।"

इस विधेयक का ईसाई समुदाय के नेताओं द्वारा भी विरोध किया जा रहा है।

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Web Title: Anti-conversion bill introduced in Karnataka assembly, Congress strongly protested

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