असम में पेपर मिल के एक और कर्मचारी की मौत, अब तक कुल 90 कर्मचारियों की मौत

By भाषा | Updated: June 24, 2021 20:42 IST2021-06-24T20:42:11+5:302021-06-24T20:42:11+5:30

Another paper mill worker dies in Assam, so far 90 workers have died | असम में पेपर मिल के एक और कर्मचारी की मौत, अब तक कुल 90 कर्मचारियों की मौत

असम में पेपर मिल के एक और कर्मचारी की मौत, अब तक कुल 90 कर्मचारियों की मौत

गुवाहाटी, 24 जून असम के मोरीगांव जिले में हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की बंद हुई नगांव पेपर मिल के एक और कर्मचारी की बृहस्पतिवार को मौत हो गई। पेपर मिल के बंद होने के बाद से अब तक कुल 90 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से चार लोगों ने आत्महत्या की थी।

नगांव और कछार मिलों की मान्यता प्राप्त यूनियनों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसीआरयू) के अध्यक्ष मानबेंद्र चक्रवर्ती ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मृतक सतीश चंद्र पटवारी (58) हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गयी। चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि सतीश का पिछले करीब 54 महीनों से इलाज नहीं हो पा रहा था। यूनियन के नेता ने कहा कि इससे पहले पटवारी के बेटे की भी 2019 में लंबी बीमारी के बाद मौत हो गयी थी।

चक्रवर्ती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद पिछले करीब डेढ़ महीने के दौरान मिल के पांच कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।

दरअसल, हैलाकांडी जिले के पंचग्राम में कछार पेपर मिल और मोरीगांव जिले के जगीरोड में नगांव पेपर मिल क्रमश: अक्टूबर 2015 और मार्च 2017 से ही बंद पड़ीं हैं। दोनों ही मिल एचपीसीएल की इकाईयां थीं।

यूनियन के अधिकारियों का कहना है कि एक समय एशिया की सबसे बड़ी मिल मानी जाने वाली इन मिलों के 1200 से अधिक कर्मचारियों को मिल के बंद होने के बाद से ही वेतन नहीं मिला है। मिलों के बंद होने से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

भाजपा ने 2016 में असम में सत्ता में आने के बाद इन मिलों को चालू करने का वादा किया था। हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भी भाजपा ने इन मिलों को चालू करने का वादा किया था।

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सभी हितधारकों के साथ कई दौर की बैठकों के बाद 26 अप्रैल को परिसमापक को संपूर्ण एचपीसीएल को बेचने के आदेश दिए थे। इसके बाद एचपीसीएल कंपनी को बेचने के लिए एक जून को ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गयी थी।

चक्रवर्ती ने कहा कि कुछ निश्चित तबकों के हितों की रक्षा करने के लिए मिलों को बेचने का षड़यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से दोनों मिलों को बचाने और वित्तीय परेशानियों का सामना कर रहे मिल के कर्मचारियों के संपूर्ण बकाया का भुगतान करने का आग्रह किया। विपक्षी दल - कांग्रेस, एआईयूडीएफ, असम जातीय परिषद (एजेपी) ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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Web Title: Another paper mill worker dies in Assam, so far 90 workers have died

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