बेनामी लेनदेन : पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ जांच की जरूरत नहीं, उच्चतम न्यायालय

By भाषा | Updated: April 12, 2021 20:41 IST2021-04-12T20:41:56+5:302021-04-12T20:41:56+5:30

Anonymous Transaction: No need to investigate against former judge, Supreme Court | बेनामी लेनदेन : पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ जांच की जरूरत नहीं, उच्चतम न्यायालय

बेनामी लेनदेन : पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ जांच की जरूरत नहीं, उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अमरावती भूमि सौदा मामले में कथित बेनामी लेन-देन के संबंध में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी ईश्वरैया की निलंबित जिला मुंसिफ मजिस्ट्रेट से बातचीत की जांच की कोई जरूरत नहीं है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने कहा कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने उच्चतम अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर वी रवींद्रन द्वारा पेन ड्राइव में रिकॉर्ड संवाद की सत्यता का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं।

पीठ ने कहा कि चूंकि ईश्वरैया ने हलफनामे में 20 जुलाई 2020 को हुई बातचीत को स्वीकार किया है और ऑडियो टेप का सही अंग्रेजी अनुवाद भी सौंपा है इसलिए न्यायमूर्ति आर वी रवींद्रन द्वारा जांच जारी रखने की कोई वजह नहीं है।

पीठ ने कहा, ‘‘संवाद की विषय वस्तु की सत्यता के बारे में स्वीकार किया गया है...हमारी राय है कि उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश के तहत न्यायमूर्ति आर वी रवींद्रन से रिपोर्ट लेने की जरूरत नहीं है। ’’

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में साफ कहा है कि प्रारंभिक जवाबी हलफनामे में लगाए गए आरोपों पर फैसला करने के अलावा जांच का अदालत के सामने दाखिल मुख्य रिट याचिका में संबंधित मुद्दे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

ईश्वरैया ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि उन्हें सुने बिना आरोप लगाए गए हैं।

शीर्ष अदालत ने 22 फरवरी को ईश्वरैया की एक याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था जिसमें निलंबित जिला मुंसिफ मजिस्ट्रेट एस रामकृष्ण के साथ उनकी बातचीत को लेकर न्यायिक जांच का निर्देश दिया गया था।

उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त 2020 को उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच का आदेश देते हुए कहा था कि फोन पर हुई बातचीत से न्यायपालिका के खिलाफ ‘‘गंभीर षड्यंत्र’’ का खुलासा हुआ है।

इससे पहले शीर्ष अदालत में दाखिल एक हलफनामे में न्यायमूर्ति ईश्वरैया ने कहा कि उन्होंने फोन पर बातचीत में बेनामी लेन-देन के संबंध में निलंबित न्यायिक अधिकारी से जानकारी मांगी थी।

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Web Title: Anonymous Transaction: No need to investigate against former judge, Supreme Court

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