आनंद तेलतुंबडे की पत्नी ने जेल अधिकारी पर पति का पत्र रोककर रखने का लगाया आरोप

By भाषा | Updated: July 3, 2021 19:46 IST2021-07-03T19:46:12+5:302021-07-03T19:46:12+5:30

Anand Teltumbde's wife accuses jail officer of withholding her husband's letter | आनंद तेलतुंबडे की पत्नी ने जेल अधिकारी पर पति का पत्र रोककर रखने का लगाया आरोप

आनंद तेलतुंबडे की पत्नी ने जेल अधिकारी पर पति का पत्र रोककर रखने का लगाया आरोप

मुंबई, तीन जुलाई एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी आनंद तेलतुंबडे की पत्नी ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके आरोप लगाया है कि तलोजा जेल के अधीक्षक उनके पति द्वारा रिश्तेदारों एवं वकीलों को लिखे गये पत्र जानबूझकर रोक ले रहे हैं या देरी से भेज रहे हैं।

रामा तेलतुंबडे ने अपनी याचिका में कहा कि जेल अधीक्षक इस साल मार्च से ऐसी हरकत कर रहे हैं, जब निजी क्षेत्र के कुछ उपक्रमों का निजीकरण करने की केंद्र की योजना पर उनके पति द्वारा लिखा गया एक आलेख कारवां पत्रिका में छपा था।

वकील आर सत्यनारायण द्वारा दायर की गयी इस याचिका में यह दावा किया गया है कि आनंद तेलतुंबडे द्वारा लिखे गये पत्रों को भेज नहीं रहे हैं और उनके पति को भेजे गये पत्र भी उनतक नहीं पहुंचने दे रहे हैं, जो 'दुर्भावनापूर्ण एवं अमानवीय कृत्य’ है। उसमें यह भी दावा किया कि जेल अधीक्षक इस मामले में तलोजा जेल में बंद आनंद तेलतुंबडे के सह आरोपियों के पत्रों के साथ ही भी ऐसा ही कर रहे हैं।

पिछले सप्ताह यह अर्जी दायर की गयी, जिसपर न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ ने शनिवार को पहली बार सुनवाई की।

वकील सत्यनारायण ने पीठ से कहा कि आनंद तेलतुंबडे की पत्नी और वकीलों को इस साल मार्च के बाद से उनका एक भी पत्र नहीं मिला है। रामा तेलतुंबडे ने अर्जी में कहा कि इस साल मार्च में आलेख प्रकाशित होने के बाद जेल अधीक्षक ने गिरफ्तार कार्यकर्ता को ‘समाज पत्र’ (कारण बताओ नोटिस) जारी किया, इस पर आनंद तेलतुंबडे ने जवाब दिया कि उनके आलेख का एल्गार परिषद मामले से कोई संबंध नहीं है, इसलिए उन्होंने किसी भी कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया है।

आनंद तेलतुंबडे ने यह भी कहा कि यह आलेख राजनीतिक प्रचार का हिस्सा नहीं है और न ही उसमें जेल प्रशासन पर कोई टिप्पणी की गयी हैं ।

रामा तेलतुंबडे ने कहा कि उन्होंने और उनके पति एवं सह आरोपियों के वकीलों ने जेल अधीक्षक को कई पत्र लिखे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उसके बाद उन्हें ‘समाज पत्र’ और उनके पति द्वारा उस पर दिये गये जवाब की प्रति हासिल करने के लिए आरटीआई आवेदन का सहारा लेना पड़ा।

उनकी अर्जी में कहा गया है कि जेल अधीक्षक अपने पद एवं कर्तव्य का उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि सभी कैदियों को इस बात का वैधानिक एवं मौलिक अधिकार है कि वे अपने परिवार, दोस्तों एवं वकीलों से पत्राचार करें। रामा तेलतुंबडे ने अदालत से अनुरोध किया कि जेल अधीक्षक को इस बात का निर्दिश दिया जाए कि वे उनके पति एवं अन्य सह आरोपियों को पत्राचार करने दें। याचिकाकर्ता ने जेल अधीक्षक के विरूद्ध जांच की भी मांग की।

शनिवार को एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने अदालत से कहा कि उन्हें इस अर्जी की प्रति अबतक मिली नहीं है। उसके बाद उच्च न्यायालय ने सत्यनारायण को अर्जी की प्रतियां एनआईए एवं राज्य को देने का निर्देश दिया।

मामले की अगली सुनवाई छह जुलाई को होने की संभावना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Anand Teltumbde's wife accuses jail officer of withholding her husband's letter

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे