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लापता एएन-32 विमान को तलाशने के अभियान में शामिल हुई नौसेना, इन्फ्रा रेड सेंसरों से करेगी तलाश

By भाषा | Updated: June 4, 2019 16:37 IST

वायु सेना ने सोमवार को बताया था कि विमान ने दोपहर 12:27 बजे जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले में मेंचुका के लिए उड़ान भरी। भूतल पर नियंत्रण कर रहे अधिकारियों से विमान का आखिरी संपर्क दोपहर 1 बजे हुआ।

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ठळक मुद्देकैप्टन शर्मा ने कहा कि पी8आई विमान इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इन्फ्रा रेड सेंसरों की मदद से तलाश अभियान में मदद करेगा। विमान ने असम के जोरहाट से चीन की सीमा के पास मेंचुका के लिए उड़ान भरी थी।

भारतीय वायु सेना के रूस निर्मित एएन-32 विमान को तलाशने के अभियान में मंगलवार को भारतीय नौसेना के लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान को तैनात किया गया। एएन-32 सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के मेंचुका के पास लापता हो गया था।

विमान ने असम के जोरहाट से चीन की सीमा के पास मेंचुका के लिए उड़ान भरी थी। सोमवार की दोपहर को उड़ान भरने के करीब 33 मिनट बाद विमान लापता हो गया, जिसमें 13 लोग सवार थे। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने कहा कि पी8आई विमान ने तमिलनाडु के अराकोणम में आईएनएस रजाली से दोपहर करीब एक बजे उड़ान भरी और तलाश अभियान का हिस्सा बना।

अधिकारियों ने बताया कि अंतोनोव एएन-32 विमान का पता लगाने के लिए विमानों और हेलीकॉप्टरों के एक बेड़े को पहले ही लगाया गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के पर्वतीय इलाके में तलाश अभियान चलाने के लिए जवानों को भी तैनात किया गया है।

कैप्टन शर्मा ने कहा कि पी8आई विमान इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इन्फ्रा रेड सेंसरों की मदद से तलाश अभियान में मदद करेगा।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पी8आई विमान में बहुत शक्तिशाली सिंथेटिक अपर्चर रडार होता है जिसका इस्तेमाल लापता विमान को खोजने के लिए किया जाएगा।’’ बोइंग द्वारा निर्मित पी8आई लंबी दूरी तक समुद्र में टोह रखने वाला विमान है और इस समय नौसेना के पास आठ ऐसे विमान हैं।

वायु सेना ने सोमवार को बताया था कि विमान ने दोपहर 12:27 बजे जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले में मेंचुका के लिए उड़ान भरी। भूतल पर नियंत्रण कर रहे अधिकारियों से विमान का आखिरी संपर्क दोपहर 1 बजे हुआ।

वायु सेना ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘दुर्घटना की संभावित जगह के बारे में कुछ ग्राउंड रिपोर्ट मिली हैं। हेलीकॉप्टरों को उस तरफ भेजा गया है। हालांकि, अभी तक कोई मलबा नहीं दिखा है।’’

वायु सेना ने कहा कि विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे। वायु सेना उसका पता लगाने के लिए भारतीय सेना और अन्य सरकारी एवं असैन्य एजेंसियों की मदद लेने पर भी विचार कर रही है।

वायु सेना ने लापता अंतोनोव एएन-32 विमान का पता लगाने के लिए दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के साथ ही सी-130जे और एएन-32 विमानों को लगाया है, वहीं भारतीय सेना ने आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों को लगाया है।

एएन-32 विमान रूस निर्मित विमान है और वायु सेना बड़ी संख्या में इसका परिचालन करती है। इससे पहले जून 2009 में अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट सियांग जिले के एक गांव के पास एएन-32 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 13 रक्षाकर्मी मारे गये थे।

जुलाई 2016 में एक एएन-32 विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर की उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था, जिसमें 29 लोग सवार थे। कई सप्ताह तक तलाश अभियान चलाने के बाद भी विमान का पता नहीं चला। कुछ महीने बाद वायु सेना की एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में कहा गया कि इस बात की संभावना नहीं लगती कि विमान पर सवार हुए लापता लोग दुर्घटना में जीवित बचे होंगे। 

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