अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 20 मई बड़ी संख्या में अपने शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की कोविड-19 से हुई मृत्यु से बेजार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन ने अपने कर्मियों के टीकाकरण का ऑडिट शुरू किया है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि टीका लगवाने से परहेज करना इन मौतों के लिए किस हद तक जिम्मेदार है।
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने विश्वविद्यालय बिरादरी को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि इस बात के मजबूत सुबूत हैं कि कर्मियों द्वारा कोविड-19 का टीका लगवाने से परहेज करने की वजह से इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की इस वायरस से मौत हो गई।
पिछले हफ्ते एएमयू के दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस तरफ इशारा किया था।
कुलपति ने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में इस वक्त दो टीकाकरण केंद्र हैं और विश्वविद्यालय समुदाय से अपील है कि वह सभी शक-शुबहे छोड़कर टीका लगवाए ताकि अब आगे कोई और जनहनि ना हो।
गौरतलब है कि पिछले एक महीने के दौरान एएमयू के 19 शिक्षकों तथा बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त शिक्षकों की कोविड-19 या उससे मिलते जुलते लक्षणों के कारण मौत हो गई है।
कुलपति ने कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर इससे निपटने की तैयारियों के लिए 15 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जो परिसर में तीसरी लहर के मद्देनजर जरूरी संसाधनों तथा चिकित्सीय सुविधाओं की उपलब्धता की कार्य योजना तैयार करेगी।
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