लाइव न्यूज़ :

पाकिस्तान में बैठा है अमृतसर धमाके का मास्टरमाइंड, आरोपियों को ISI ने दी थी आतंकी ट्रेनिंग!

By स्वाति सिंह | Updated: November 20, 2018 08:33 IST

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि यह अलगाववादी ताकतों की आतंकवादी गतिविधि है जिसे आईएसआई समर्थित खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकवादी समूहों की भागीदारी से अंजाम दिया गया।

Open in App

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ निरंकारी भवन का दौरा किया।दौरे के बाद उन्होंने कहा कि कुछ सुराग मिले हैं जिन पर ध्यान दिया जा रहा है।साथ जी उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि अपराधियों को जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

कैप्टन ने कहा कि निरंकारी भवन पर हमला आतंकवाद का मामला है। इसके साथ ही उन्होंने इस विस्फोट में पाकिस्तान का हाथ होने का संकेत दिया। मुख्यमंत्री ने अमृतसर की घटना में शामिल लोगों के संबंध में जानकारी मुहैया कराने वाले को 50 लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की।

सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि निरंकारी भवन में ग्रेनेड हमले में पाकिस्तान के हाथ होने का संकेत होता है और शुरूआती जांच से संकेत मिलता है कि इस्तेमाल किया गया ग्रेनेड पाकिस्तानी सेना के आयुध कारखाने द्वारा निर्मित ग्रेनेड के समान था।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने पिछले महीने एक आतंकवादी मॉड्यूल से इसी प्रकार के एचजी-84 हथगोले बरामद किए थे। इससे सीमा पार की देशविरोधी ताकतों के शामिल होने के काफी संकेत मिलते हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि यह अलगाववादी ताकतों की आतंकवादी गतिविधि है जिसे आईएसआई समर्थित खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकवादी समूहों की भागीदारी से अंजाम दिया गया।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जांच में सहयोग कर रही है।

गौरतलब है कि रविवार को बाइक सवार दो लोगों ने एक धार्मिक समागम में ग्रेनेड फेंका था। इस विस्फोट में एक उपदेशक सहित तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

एनआईए की एक टीम रविवार की रात जांचकर्ताओं और विस्फोटक विशेषज्ञों के साथ मौके पर गई थी। उन्होंने पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी चर्चा की।

अमरिंदर ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि इस हमले की तुलना 1978 के निरंकारी संघर्ष के साथ नहीं जा सकती क्योंकि वह एक धार्मिक मामला था और यह घटना पूरी तरह से आतंकवाद का मामला है।

1978 में हुई हिंसा से नहीं की जा सकती तुलना 

उल्लेखनीय है कि 13 अप्रैल 1978 को अमृतसर में संत निरंकारी मिशन और सिखों के बीच हुई हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई थी। सीएम ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार रविवार की घटना में कोई धार्मिक मकसद नहीं था।

दरअसल मीडिया द्वारा एक सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि राज्य पहले से ही हाई अलर्ट पर है और ऐतिहासिक इमारतों और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक प्रतिष्ठानों तथा बुनियादी ढांचों के आसपास सख्त जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में पुलिस नाके बनाए गए हैं और गश्ती दल संदिग्ध वस्तुओं की तलाश में जुटे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला और पुलिस प्रशासन को सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की संभावना का पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं।सिंह घायलों से मिलने के लिए अस्पताल गए और हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए नौकरियों और घायलों के मुफ्त उपचार तथा 50,000 रुपये की मदद की घोषणा की।

टॅग्स :अमृतसरअमरिंदर सिंहपंजाब
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

क्रिकेटSyed Mushtaq Ali T20: 52 गेंद, 148 रन, 8 चौके और 16 छक्के?, अभिषेक शर्मा से दहला बंगाल, 12 गेंद में फिफ्टी, मोहम्मद शमी ने 24 गेंद में लुटाए 61 रन

बॉलीवुड चुस्कीमौत के 3 साल बाद सिद्धू मूसेवाला का गाना 'बरोटा' हुआ रिलीज, यूट्यूब पर हुआ वायरल

बॉलीवुड चुस्कीVIDEO: सिद्धू मूसेवाला की हत्या के 3 साल बाद उनका नया सॉन्ग 'बरोटा' हुआ रिलीज़, YouTube के म्यूज़िक ट्रेंडिंग चार्ट पर #1 पर पहुँचा

भारतपंजाब जिला परिषद-पंचायत समिति चुनाव 2025ः 14 दिसंबर को पड़ेंगे वोट और 17 दिसंबर को मतगणना

भारत अधिक खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत