पंजाब के अमृतरसर के राजासांसी गांव में रविवार (18 नवंबर) को हुए निरंकारी भवन में धमाके से तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मुआवजे का ऐलान करते हुए कहा कि इस घटना में मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि घायलों का इलाज निशुल्क किया जाएगा।
वहीं, निरंकारी भवन में हुए धमाके को लेकर आईजी (बॉर्डर) सुरेंद्र पाल सिंह परमार का कहना है कि जिस समय यह धमाका हुआ है उस समय डेरे में करीब 250 लोग मौजूद थे, जिसमे से तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 15 से 20 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि दो लोगों ने डेरे में ग्रेनेड फेंकी है, जोकि बाइक पर सवार होकर आए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि इस मामले के तार विदेशों में बैठे कट्टरपंथियों से जुड़े हो सकते हैं। वहीं, धमाके के बाद पुलिस व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है और नाकाबंदी कर इलाके में हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जा रही है।
इसके अलावा पुलिस ने राजास्थान बोर्डर को सील कर दिया है और हर किसी पर नजर रख रही है। इधर, पंजाब पुलिस ने कुछ दिन पहले ही हाईअलर्ट जारी किया था, जिसके बाद बावजूद भी धमाका हुआ है। इससे पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान उठने लगा है।