यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा : एनजीटी की समिति ने प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान करने को कहा

By भाषा | Updated: January 5, 2021 16:55 IST2021-01-05T16:55:06+5:302021-01-05T16:55:06+5:30

Ammonia levels rise in Yamuna: NGT committee asked to identify main sources of pollution | यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा : एनजीटी की समिति ने प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान करने को कहा

यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा : एनजीटी की समिति ने प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान करने को कहा

नयी दिल्ली, पांच जनवरी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा नियुक्त यमुना निगरानी समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण के ‘मुख्य स्रोतों’ की पहचान करने को कहा है जिनके कारण दिल्ली में नदी में अमोनिया के स्तर में वृद्धि हुयी है। समिति ने 10 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

समिति का यह निर्देश ऐसे वक्त आया है, जब दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने आरोप लगाया है कि बार-बार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद हरियाणा ने उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी का बहाव रोकने के लिए कदम नहीं उठाया है और सीपीसीबी से तुरंत समाधान के लिए उपाय करने का आग्रह किया है।

समिति ने मीडिया की एक खबर का उल्लेख करते हुए कहा कि वजीराबाद में यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़कर सात पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) हो गया जबकि मान्य सीमा 0.8 पीपीएम है।

समिति में दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा और एनजीटी के सेवानिविृत्त विशेषज्ञ सदस्य बी एस सजवान शामिल हैं। समिति ने कहा, ‘‘खबर में कहा गया है कि मुख्य रूप से रोहतक रेगुलेटर के जरिए नाला संख्या छह और आठ से यमुना नदी में उद्योगों का गंदा पानी आने के कारण यह स्तर बढ़ा है।’’

समिति ने कहा कि हर साल दिसंबर-फरवरी के दौरान सर्दी के महीनों में अमोनिया के स्तर में बढोतरी होती है। ऐसे में सीपीसीबी और एचएसपीसीबी सर्दी के महीनों के दौरान निगरानी तंत्र को मजबूत बनाएं और उद्योगों की गतिविधियों की निगरानी करें। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कि लिए भी कदम उठाए जाएं।

समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के साथ मिलकर यमुना में अमोनिया के उच्च स्तर के लिए प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान करने और 10 जनवरी तक एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

यमुना निगरानी समिति ने हरियाणा के मुख्य सचिव के समक्ष भी यह मामला उठाया है और उनसे अनुपचारित गंदा पानी का यमुना नदी में बहाव रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने के वास्ते अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया है।

दिल्ली जल बोर्ड ने हाल में कहा था कि हरियाणा सरकार के ‘‘लापरवाह’’ रवैये के खिलाफ वह अदालत जाने पर विचार कर रहा है क्योंकि उसने यमुना में गंदे पानी का बहाव रोकने के लिए कदम नहीं उठाया और इससे राष्ट्रीय राजधानी में आपूर्ति किए जाने वाले पेयजल की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Ammonia levels rise in Yamuna: NGT committee asked to identify main sources of pollution

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे