अमित शाह ने रखा मल्टिपरपस आईडी कार्ड का प्रस्ताव, इसबार होगी डिजिटल जनगणना
By भाषा | Updated: September 23, 2019 16:24 IST2019-09-23T16:24:07+5:302019-09-23T16:24:07+5:30
2021 की जनगणना को दुनिया की सबसे बड़ी गणना कवायद बताया जा रहा है। भारत में जनगणना के 140 साल के इतिहास में पहली बार मोबाइल ऐप्प से आंकड़ों को एकत्रित करने का प्रस्ताव रखा गया है।

गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह की प्रणाली भी होनी चाहिए जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होते ही यह जानकारी जनसंख्या आंकड़े में अद्यतन हो जाए।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को सभी नागरिकों के लिए एक बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र का विचार रखा जिसमें आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक खाते जैसी सभी सुविधाएं जुड़ी हों। शाह ने यह भी कहा कि जनगणना 2021 के आंकड़े मोबाइल एप के जरिए जुटाए जाएंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह की प्रणाली भी होनी चाहिए जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होते ही यह जानकारी जनसंख्या आंकड़े में अद्यतन हो जाए। उन्होंने कहा, ‘‘आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है। इसकी संभावनाएं हैं।’’
भारत में जनगणना के 140 साल के इतिहास में पहली बार मोबाइल ऐप्प से आंकड़ों को एकत्रित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए गणनाकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करें।
2021 की जनगणना को दुनिया की सबसे बड़ी गणना कवायद बताया जा रहा है । भारत के महापंजीयक के अधिकारियों ने एक सम्मेलन में बताया कि भारत की जनगणना के 140 साल के इतिहास में पहली बार प्रस्तावित किया गया है कि आंकड़ों को मोबाइल ऐप्प के जरिए एकत्रित किया जाए और इसके लिए गणनाकारों को अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस सम्मेलन का आयोजन 2021 की जनगणना के लिए रणनीति और प्रश्नावली को अंतिम रूप देने के वास्ते किया गया था। गणनाकारों को उचित मेहनताना दिया जाएगा। इसके अलावा, कागज के जरिए भी आंकड़े और रिकॉर्ड जुटाने का विकल्प रहेगा।
गणनाकार इन्हें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जमा कराएंगे। गृह सचिव ने कहा कि जनगणना सिर्फ आबादी की गणना करने की कवायद नहीं हैं, बल्कि इससे सामाजिक-आर्थिक स्थिति के अहम आंकड़ों की जानकारी मिलती है, जो बेहतर नीतियां बनाने और संसाधनों के आवंटन के लिए विश्वसनीय आधार होते हैं। भारत के महापंजीयक और गणना आयुक्त विवेक जोशी ने बताया कि 2021 की जनगणना दो चरणों में की जाएगी।
पीएमके ने केंद्र से की जाति आधारित गणना कराने की अपील
पीएमके के संस्थापक नेता एस। रामदास ने शनिवार को केंद्र सरकार से अपील की कि 2021 की जनगणना जाति आधारित कराई जाए ताकि समाज के सभी लोगों को सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि केंद्र के आश्वासन के विपरीत खबरों में बताया गया है कि जनगणना में अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) की पहचान को शामिल नहीं किया जाएगा और यह ‘‘स्तब्धकारी’’ है। जल्द शुरू हो रहे जनगणना के पूर्व परीक्षण अभ्यास का उद्धरण देते हुए उन्होंने कहा कि जनगणना में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टेवयर में ओबीसी की अलग से गणना की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि जब जनगणना होगी तो उसमें ओबीसी का ब्यौरा दर्ज करने की व्यवस्था होगी अथवा नहीं।