गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों की ओर से तमाम विरोधों के बीच बुधवार को नागरिक संशोधन विधेयक पेश कर दिया। अमित शाह ने राज्य सभा में विधेयक पेश करते हुए पाकिस्तान और आज के बांग्लादेश में धार्मिक तौर पर अल्पसंख्यकों की जनसंख्या में 20 प्रतिशत की कमी आई है। अमित शाह के अनुसार ये अल्पसंख्यक या तो भाग गये या मार दिये गये। अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक से ऐसे शरणार्थी सम्मान से जी सकेंगे।
अमित शाह ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के सामाजिक सुरक्षा को लेकर भी प्रतिबद्ध है। शाह ने साथ ही कहा, 'हमने चुनाव के पहले ही इस बिल को जनता के सामने रखा था, इसे जनता ने समर्थन दिया है। लोकतंत्र के अंदर जनादेश से बड़ी बात नहीं हो सकती है।'
अमित शाह ने साथ ही कहा, 'ये गलत सूचना फैलाई जा रही है कि ये बिल मुस्लिमों के खिलाफ है। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि कैसे ये बिल भारतीय मुस्लिमों से जुड़ा है। देश के मुसलमानों को चिंता करनी की जरूरत नहीं है। वे भारतीय नागरिक हैं और हमेशा रहेंगे। उनके खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा।'
अमित शाह ने साथ ही कहा, 'भारत के मुस्लिमों को इस बिल के कारण चिंता करने की जरूरत नहीं है। अगर कोई डराता है तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। ये नरेंद्र मोदी की सरकार है जो संविधान के तहत काम कर रही है। अल्पसंख्यकों को पूरा साथ मिलेगा।'