अमित शाह Exclusive Interview: प्रियंका गांधी 12 साल से राजनीति में हैं, हर बार चुनाव हारती हैं
By संतोष ठाकुर | Published: April 7, 2019 10:46 AM2019-04-07T10:46:56+5:302019-04-07T10:46:56+5:30
Amit Shah Exclusive Interview with Lokmat Hindi: दिल्ली से विजयवाड़ा और विशाखापटनम के बीच अमित शाह ने अपने विशेष विमान में लोकमत समूह के साक्षात्कार में कहा कि अपने पांच साल के शासनकाल में भाजपा सरकार ने महाराष्ट्र को 4 लाख 38 हजार 760 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं दी।
Amit Shah Exclusive Interview: आम चुनाव 2019 की तपिश के बीच भाजपा ने एक बार फिर से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिए हैं। अपनी संगठन क्षमता के लिए मशहूर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लगातार 18 घंटे काम करते हुए राज्य दर राज्य सघन चुनावी प्रचार कर रहे हैं।
अपने व्यस्त सफर के दौरान वह झपकियों में नींद ले रहे हैं और अल-सुबह से देर रात तक कार्यकर्ताओं से मिलने के साथ ही रैली, रोड शो को अंजाम देने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली वाले स्थानों का अग्रिम दौरा कर रहे हैं। अपने इस व्यस्त दिनचर्या के बीच उन्होंने लोकमत समूह को साक्षात्कार के लिए समय दिया।
यह देश के किसी भी क्षेत्रीय भाषा या हिंदी अखबार को दिया उनका पहला साक्षात्कार है।
लोकमत समूह के डिप्टी एडिटर संतोष ठाकुर पूरे एक दिन उनके साथ रहे। दिल्ली से विजयवाड़ा और विशाखापटनम के बीच अमित शाह ने अपने विशेष विमान में लोकमत समूह के साक्षात्कार में कहा कि अपने पांच साल के शासनकाल में भाजपा सरकार ने महाराष्ट्र को 4 लाख 38 हजार 760 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं दी। इसमें से करीब एक लाख करोड़ रूपये खर्च हो गए हैं या फिर संबंधित योजनाओं में उनका निवेश हो गया है। हमें उम्मीद है कि हम यहां पर अपने काम के सहारे सभी सीट जीतने वाले हैं। उनसे हुई विस्तृत बातचीत के मुख्य अंश...
प्रश्न: सबसे पहला सवाल तो यही है कि भाजपा इस बार देश में कितनी सीट जीतने का आकलन कर रही है। अलग नेताओं के अलग आंकड़े हैं। कोई 320 तो कोई 328 कह रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की 300 सीट आने का आकलन किया है।
उत्तर : देखिए अभी चुनाव जिस स्टेज पर है उस पर सीटों का आकलन करना सही नही होगा। पर इतना सुनिश्चित है जिस तरह का माहौल देश में बना हुआ है उस हिसाब से ज्यादा सीटों के साथ भाजपा का पूर्ण बहुमत होगा। चुनाव की घोषणा से पहले ही मैंने लगभग सारे देश का दौरा किया है। हर जगह नरेंद्र मोदी जी को चुनने के लिए जनता उत्सुक है।
प्रश्न : सीटों का आंकलन तो आपने नहीं बताया लेकिन सीटें आएगीं कहां से। विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र जो बड़े क्षेत्र है वहां भाजपा को नुकसान होगा।
उत्तर : देखिये महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद मुझे लगता है कि हमारी स्थिति अच्छी होगी। बिहार में भी नीतिश कुमार जी के साथ गठबंधन होने के बाद हमारी स्थिति बहुत मजबूत हुई है। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के खिलाफ भाजपा 50 फीसदी की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। हमें दोनों चुनाव 2014 और 2017 में 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं। जब दो पार्टियां एक होती है तो उसकी वोट बैंक ट्रास्फरमेंशन में कभी भी 100 फीसदी ट्रास्फरमेंशन नही होता। मैं मानता हूं कि मोदी लहर जिस तरह है उससे हम इन तीनों राज्यों में बड़ी सफलता हासिल करने जा रहे है। इसके अलावा उड़ीसा, बंगाल और पूर्वोत्तर ऐसे तीन राज्य हैं जहां भाजपा की स्थिति बेहतर है। इसके अलावा दक्षिण में केरल, कर्नाटक आंध्र और तेलांगाना हमारी जो स्थिति अभी है उससे बेहतर होगा।
प्रश्न : महाराष्ट्र में आपने बोला कि स्थिति मजबूत होगी लेकिन अगर महाराष्ट्र की बात करें तो महाराष्ट्र में लंबे समय तक आपका झगड़ा चलता रहा। शिवसेना की वजह से आपने किरीट सौमय्या का टिकट काट दिया। आपको नही लगता है कि कि भाजपा वहां कमजोर विकेट पर है।
उत्तर : किरीट सौमय्या के टिकट का शिव सेना से कोई लेना देना नहीं है। यह भाजपा का स्वंय का निर्णय है। जहां तक शिव सेना के साथ मतभेदों का सवाल है तो मेरे नामांकन में उद्वव ठाकरे जी आए थे। उन्होंने स्वंय कहा है और मैं भी आपको कहता हूं हमारी लंबी मीटिंग होने के बाद अब कोई मतभेद नहीं है। दोनों पार्टियों के कार्यक़र्ता अब एक साथ होकर चुनाव के मैदान में है।
प्रश्न : शिव सेना का यह भी कहना है कि हमने गठबंधन इसलिए किया है क्योंकि केंद्र में मोदी जी रहेंगे और महाराष्ट्र में शिव सेना रहेगी। इसका मतलब है कि चार महीने के बाद चुनाव होगें तो मुख्यमंत्री शिव सेना का होगा? क्या महाराष्ट्र विधानसभा में भी आप 50-50 प्रतिशत सीटों के फार्मूले पर ही चुनाव लड़ेंगे।
उत्तर : सारी गठबंधन की शर्तो को हमने जनता के सामने सार्वजनिक प्रेस वार्ता में रखा है। मैं नहीं मानता कि इसके बाद कोई कंफ्यूजन बचा है।
प्रश्न : तो फडवणीस जी आपके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे?
उत्तर : अभी तो मोदी जी हमारे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार है और हमने स्पष्टता के साथ सारी बातें प्रेस वार्ता में रखी थी।
प्रश्न : आपका कहना है कि मोदी लहर चल रही है लेकिन प्रधानमंत्री की हाल में वर्धा रैली में उपस्थित लोगों की संख्या पहले से काफी कम थी। यह करीब 50-60 हजार के लगभग थी। लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रुप में मोदी जी जब वहां गए थे तो यह संख्या 5-6 लाख थी।
उत्तर: ऐसा नहीं है। इस बार भी लोगों का उत्साह बहुत ज्यादा था। इस बार हम एक-एक सीट की रैली कर रहे है। दोनों रैलियों में अंतर है। इस बार चुनाव से पहले गये थे और यह क्षेत्रीय रैली थी।
प्रश्न : क्या वजह है कि भाजपा सबका साथ सबका विकास और अच्छे दिन की जगह हिन्दुत्व और सॉफ्ट हिन्दुत्व की बात कर रही है। यह असर क्या राहुल गांधी या प्रियंका गांधी के मंदिर-मंदिर घूमने का असर है? या भाजपा को लगता है कि हिन्दुत्व ही ऐसा मुद्दा है जिस पर चुनाव जीता जा सकता है?
उत्तर : सबका साथ सबका विकास और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद जिसे आप सॉफ्ट हिन्दुत्व कहते हैं, दोनों ही एक हैं। इसमें कोई अंतरविरोध नहीं है। जहां तक विकास का सवाल है तो हम देश के हर नागरिक का जीवन सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। जैसे 6 करोड़ लोगों को गैस के सिलेंडर दिए, 8 करोड़ लोगों को शौचालय दिया है, 2.5 करोड़ लोगों को घर दिए है, 2.35 करोड़ लोगों को बिजली दी है, 14 करोड़ लोगों को मुद्रा बैंक का लोन दिया है, देश में 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य लाभ दिया है।
इन सब विकास कार्यो में हमने लोगों के साथ मतभेद नहीं किया है। परंतु कांग्रेस पार्टी अपने चुनावी एजेंडे में लेकर आती है कि अफ्सा को हटा दें तो वहीं, उमर अब्दुल्ला कहते है कि कश्मीर में दूसरा प्रधानमंत्री होगा। और हम इसका विरोध कर रहे हैं। मैं मानता हूं यह विरोध जायज है क्योंकि इस देश में कभी दो प्रधानमंत्री नहीं हो सकते हैं। यह हम कभी नहीं होने देगें। इस देश की सेना के लिए अफ्सा को जब तक जरुरत है तब तक रखा जाएगा।
प्रश्न : जम्मू कश्मीर में 35 ए है उस पर आपका क्या कहना है?
उत्तर : धारा 370 और 35 ए जनसंघ के समय से भाजपा के चुनाव एजेंडे में है और इस बार भी हैै।
प्रश्न : इस बार भी भाजपा सरकार आती है तो 370 हटेगा और 35 ए भी हटाया जाएगा ?
उत्तर : आप भी समझते हो कि यह सारी चीजें दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत के साथ ही हो सकती हैं।
प्रश्न : तो इसके लिए वर्ष 2020 का इंतजार करना होगा?
उत्तर : 2020 का इंतजार करना होगा।
प्रश्न : सॉफ्ट हिन्दुत्व को आगे ले कर जाएं और राष्ट्रवाद की बात करें तो आपने पिछली बार चुनाव प्रचार में कहा था कि गौहत्या को लेकर कानून लाएंगें।
उत्तर : भाजपा के चुनाव एजेंडे में गौहत्या कानून कभी नहीं था। हालांकि जहां-जहां हमारी राज्य सरकारें आई हैं उनमें से हमने पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़कर अन्य जगहों पर गौहत्या पर प्रतिबंध लगाया है।
प्रश्न : राम मंदिर का क्या हुआ। क्या आप उसे भूल गए हैं?
उत्तर : राम मंदिर का मसला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। भाजपा का मानना है कि उसी जगह पर जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। यह हमारा कमिटमेंट है। और इस दिशा में कोर्ट का केस अभी चल रहा है। हम आशा करते है कि यह जल्द समाप्त होगा।
प्रश्न : आपने अभी पीएम किसान योजना शुरु की है जिसमें आपने बोला कि साल के 6000 रुपये हम किसानों को देगें। दूसरी ओर कांग्रेस ने बोला कि हम महीने के 6000 रुपये देंगे। कांग्रेस के इस ऐलान का क्या प्रभाव आप देखते हैं। इस योजना से किसान को सालाना 72000 रूपये मिलेंगे। क्या यह राशि देना संभव है या यह केवल चुनावी जुमला है?
उत्तर : वचन कौन देता है उस पर निर्भर करता है। जवाहरलाल नेहरु जी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था, इंदिरा जी ने भी दिया, राजीव गांधी जी ने दिया, सोनिया जी ने दिया। अब राहुल जी दे रहे है। पांच पीढ़ी से तो वो हटा नहीं पाए। हमने पांच सालों के अंदर गरीबों के जीवन के अंदर बहुत बड़ा बदलाव किया है। और जनता जानती है कि कौन नारे दे रहा है और कौन काम कर रहा है। और इसलिए ही जनता का झुकाव नरेंद्र मोदी जी की तरफ है।
प्रश्न : प्रियंका फेक्टर आप कितना मानते है. उनकी एंट्री को किस तरह से लेते है?
उत्तर : किसी व्यक्ति की राजनीति में कितनी बार एन्ट्री हो सकती है। प्रियंका वाड्रा 12 साल से राजनीति में हैं। हर बार प्रचार करती है और हर बार चुनाव हारती हैं।
प्रश्न : आपने इस बार 75 वर्ष से अधिक को टिकट ना देने का फैसला किया और यह कहा गया कि आडवाणी युग खत्म हो गया ?
उत्तर : किसी का कोई युग खत्म नहीं हुआ आडवाणी जी आज भी हमारे वरिष्ठ नेता है। पार्टी ने फैसला लिया है कि 75 से अधिक आयु के जितने भी नेता है वो पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए संगठन में योगदान देगें।
प्रश्न: आप कह रहे है कि आडवाणी अब भी हमारे नेता है तो क्या राज्यसभा में उन्हें देख सकते है।
उत्तर : आगे क्या होगा वह पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा।
प्रश्न : आपके जितने भी उम्मीदवार अभी तक घोषित किए है उसमें एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं है। जया प्रदा के आने के बाद मुख्तार अब्बास नकवी का टिकट काट दिया। शाहनवाज हुसैन के चुनाव समिति में होते हुए उनकी सीट आपने जेडीयू को दे दी।
उत्तर : आपको मेरे ख्याल से मालूम नहीं है कि मुख्तार अब्बास नकवी पिछले से पिछले चुनाव में भी नहीं लड़े थे। टिकट काटने का प्रश्न वाजिब नहीं है। शाहनवाज जी लड़े थे। मगर इस बार यह सीट गठबंधन में हमारे साथी दल को मिली है।
प्रश्न : लेकिन आपने उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं दिया था। काफी बाद में एक मंत्री मुस्लिम समुदाय से बनाया था?
उत्तर : कई बार नहीं दिया है। हम हिन्दू मुस्लिम के आधार पर निर्णय नहीं करते।
प्रश्न : बेरोजगारी के मुद्दे पर आपकी ओर से कुछ नहीं कहा जा रहा है विपक्ष इस मुद्दे को बड़े जोर-शोर से उठा रहा है। किसानों को लेकर जमीनी स्तर पर कोई काम हुआ हो वह भी आपने नहीं बताया?
उत्तर : देश के 12 करोड़ से ज्यादा किसानों को उनके मोबाइल पर 6000 रुपये सीधे ट्रासंफर करना इसको आप कंक्रीट काम नहीं कहेंगे तो मैं नहीं मानता और क्या कंक्रीट काम हो सकता है। भाजपा और यूपीए शासन में गेहूं और चावल की खरीदी के आंकड़े देखिए कई सौ गुणा ज्यादा अनाज की खरीदी भाजपा की सरकार ने की है। भाजपा शासित राज्य और कांग्रेस शासित राज्यों का ग्रोथ रेट देख लीजिए। उसी से पता लग जाएगा कि किसके शासनकाल में किसानों का विकास हुआ है। ढेर सारे काम हमने किसानों के लिए किए हैं। नीमकोटिड यूरिया से लेकर उनकी सहायता में वृद्धि के लिए सॉयल हेल्थकार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसे ढेर सारे काम भाजपा की सरकार ने किये हैं।
प्रश्न : बेरोजगारी पर आप क्या कहेगें? विपक्ष का कहना है कि इस मामले पर आप चुप रहते हैं।
उत्तर : बेरोजगारी के मुद्दे पर आप एक बात बताईये कि जब 14 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन मिलता है तो क्या एक भी रोजगार पैदा नहीं हुआ होगा? ढाई गुणा सड़क बनने की स्पीड़ बढ़ती है तो रोजगार पैदा नहीं होगें? ट्रेन की पटरी बिछाने की स्पीड सवा दो गुणा बढ़ती तो कोई रोजगार की वृद्धि नहीं होगी? यह सारी चीजें रोजगार देने वाली है और यह हमने जमीन पर करके दिखाया है.
प्रश्न : क्या आपको लगता है कि 75 से ज्यादा उम्र वालों को टिकट नहीं देने के मसले को और अधिक बेहतर तरीके से हैंडल या निपटाया जा सकता था.
उत्तर : आप जरूरी सलाह दीजिए, आपके हिसाब से करेगें हैंडल।
प्रश्न: उत्तर प्रदेश में आपने कहा कि 74 सीटें जीत रहे हैं. यह बताएं कि अमेठी जीत रहे हैं या रायबरेली जीत रहे हैं?
उत्तर : चुनाव जब चलता है तब इतनी जल्दी सीटों का आकलन नहीं होता है। मैंने जो 74 सीटों की बात कही है वह हमारे पूर्व के दो चुनावों का प्रदर्शन और सरकार द्वारा किये गये कार्यो और नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को लेकर कहा है। वहीं सीटवार जब आगे माहौल साफ होगा तो पता चलेगा। लेकिन इस बार अमेठी सेफ नहीं है इसलिए राहुल जी वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रश्न : लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तो पिछली बार दो सीटों से चुनाव लड़े थे?
उत्तर : दोनों की कोई तुलना नहीं है। मोदी जी उत्तर प्रदेश में उत्साह बढ़े इसलिए दो जगह से चुनाव लड़े थे और परिणाम आपने देखा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की। उन्होंने गुजरात में बडोदरा से भी रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। लेकिन राहुल गांधी डर कर अमेठी की जगह दूसरी सीट पर गए हैं।
प्रश्न : भाजपा का कहना है कि अमेठी में आपने राहुल गांधी को घेर लिया है. क्या वायनाड में उनके खिलाफ ऐसा जोश व उत्साह भाजपा दिखाएगी.
उत्तर : जरूर दिखाएगें। हमारा साथी पक्ष वहां बैठा है। हम उनके खिलाफ वहां भी एक मजबूत लड़ाई लड़ेगें।
प्रश्न: आप गांधीनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से अटल जी जीते थे तो 13 दिन की सरकार बनी थी। आडवाणी जी की जिस तरह विदाई हुई, गांधीनगर सीट को लेकर कहा जा रहा है कि यहां से जो भी जीतता है उसकी राजनीतिक अंत खराब होता है? इस सीट को लेकर एक इस तरह की मान्यता जुड़ी हुई है। फिर आपने यह सीट क्यों चुनी।
उत्तर : आडवाणी जी का उदय ही गांधीनगर सीट से हुआ था और 25 साल तक उन्होंने प्रतिनिधित्व किया और आडवाणी जी की अभी भी राजनीति से विदाई नहीं हुई है। वह 92 साल की उम्र में भी स्वस्थ हैं और अच्छे से पार्टी के अंदर अपना योगदान देंगे।
प्रश्न : गांधी परिवार को लेकर आप लोग कहते है उन्हें हराना है। परिवारवाद पर भी आप हमला करते हैं। लेकिन आपकी पार्टी में भी गांधी परिवार से मेनका गांधी और वरुण गांधी हैं। आप कहते है कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देगें, लेकिन आपने दोनों को ही टिकट दिया है। इसकी कोई खास वजह ?
उत्तर : कोई वजह नहीं है। दोनों बहुत समय से लड़ रहे हैं। यह सारी शुरुआत 2014 के बाद से हुई है। यह दोनों लंबे समय से सांसद हैं जो सांसद है वह तो चालू ही हैं।
प्रश्न : आपने कांग्रेस मुक्त नारा दिया था। आरएसएस ने बोला कि इन्होंने देश की आजादी में योगदान दिया है। इसके बाद क्या कांग्रेस मुक्त भारत का नारा भाजपा के नेप्थय मेंं चला गया है?
उत्तर : जरा भी नेप्थय में नहीं चला गया है। आज भी हम मानते है कि देश को कांग्रेस कल्चरल से मुक्त करना चाहिए जहां तक कांग्रेस का आजादी में योगदान का सवाल है तो वह कांग्रेस क्या यही है। क्या एक परिवार वह कांग्रेस है। परिवारवाद का सबसे ज्यादा किसी पार्टी में वर्चस्व रहा है तो वह कांग्रेस पार्टी रही है।
प्रश्न : चुनाव में जिस तरह से राहुल गांधी ने आक्रमक रूप या अग्रेसन अपनाया हुआ है, उसे आप कैसे देखते हैं। वह चौकीदार चोर है का नारा लगाते हैं। उन्होंने बोला कि धारा 370 भी रखेगें उसके अलावा राजद्रोह का कानून भी हटा देगें।
उत्तर : कांग्रेस पार्टी ने देशद्रोह का कानून बदलने और हटाने की इसलिए बात की है कि जेएनयू में जब देशद्रोह के नारे लगे ‘भारत तेरे टुकड़े होगें एक हजार’ तब राहुल गांधी उनके समर्थन में गए थे। इन नारों को लगाने वालों पर देशद्रोह की दफाएं लगी हैं। आज उनके समर्थन में कांग्रेस अपना चुनावी एजेंडा लेकर आई है।
प्रश्न: कांग्रेस के नेताओं का यह भी कहना है कि चुनाव के दौरान ही सर्जिकल स्ट्राइक क्यों। उनके कुछ नेताओं ने इसके सबूत भी मांगे है।
उत्तर: सर्जिकल स्ट्राइक हुई, पुलवामा का बदला लेने के लिए। अपनी अपनी आत्मरक्षा के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की। इस पर इन्होंने सबूत मांगे। स्वयं इनके गुरु सैम पित्रोदा कहते हैं कि पाकिस्तान से बातचीत करो। पूरा देश जब उत्साह के माहौल में पटाखे जला रहा था, शहीदों की तस्वीरों पर फूल चढ़ा रहा था तो उस समय राहुल गांधी का मुंह लटका हुआ था। कांग्रेस के कार्यालय में मातम छाया हुआ था। यह बताता है कि कांग्रेस की मंशा क्या है। वह देश की सुरक्षा के लिए कमिटेट पार्टी नहीं है। नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में जहां देश की सुरक्षा का सवाल आता है, जहां पर आतंकवाद को मुड़ तोड़ जवाब देने का सवाल आता है, जहां पर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने का सवाल आता है, भाजपा वहां जीरो टोलरेंस के साथ आतंकवाद और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। हमने यह साबित किया है कि हम देश सुरक्षा के लिए कठोर निर्णय करने से भी नहीं हिचकेंगे। यह जोश-हौसला मुंबई हमले के बाद कांग्रेस ने क्यों नहीं दिखाया। चौकीदार से कौन डरता है, यह सभी जानते हैं। यही वजह है कि ये सभी लोग एक जगह पर एकत्रित हो गए हैं।
प्रश्न : चुनावों में पारदर्शिता लाने के लिए जो चुनावी बॉन्ड सरकार ने जारी किए है उनका 90 से 95 फीसदी भाजपा को ही क्यों मिल रहा है?
उत्तर : बाकी पार्टियां कैश में चंदा लेती हैं। हमारी पार्टी में कैश का सिस्टम बंद हो गया है. इसलिए सबसे ज्यादा हमारी पार्टी मे बॉन्ड आते है। बॉन्ड पार्टी के एकाउन्ट में जाती है। बहुत सरल बात है भईया।
प्रश्न : बिहार में क्या वजह हो गई कि गिरिराज सिंह के विरोध का लंबा एपीसोड चला. क्या इससे यह संकेत नहीं गया कि वह बेगूसराय में चुनाव से डर गये है.
उत्तर : गिरिराज डरने वाला व्यक्ति नहीं है। हमारी पार्टी में थोड़ा आतंरिक संगठनात्मक समस्या थी। मेरे साथ बैठकर उसे भी हल कर दिया गया है। गिरिराज जी दम-खम के साथ चुनावी मैदान में हैं। वो जीत कर आएगें प्रचंड बहुमत से।
प्रश्न : रविशंकर को लेकर आप क्या कहेगें? जिन्हें कठिन परीक्षा में डाल दिया शत्रुघ्न सिन्हा के सामने ?
उत्तर : कोई कठिन नहीं है वह भाजपा की सीट है और भाजपा ही वहां जीतेगी। एकदम सरल और सीधा मुकाबला है।
प्रश्न : आसान सीट दी आपने रवि बाबू को?
उत्तर: जी पटना साहिब हमारी बहुत पुरानी सीट है।
प्रश्न : आपका कार्यकाल अभी खत्म होने वाला है आप लोकसभा का चुनाव भी लड़ रहे है। क्या हम अगले पार्टी अध्यक्ष को संसद में देखगें या नॉर्थ या साउथ ब्लॉक में बैठने वाले देश के एक मंत्री को वहां देखेंगे ?
उत्तर : संसद में मैं जरूर जाऊंगा और मंत्री बनने के लिए कोई चुनाव लड़ने की जरुरत नहीं है। मैं राज्य सभा का सदस्य तो हूं ही. मैं 25 साल तक पांच टर्म-बार तक विधायक रहा। मैं लोगों का प्रतिनिधि हूं। उनके बीच में से संसद में जाना चाहता हूं और पार्टी ने मेरी प्रार्थना को मान लिया।
प्रश्न : गांधी नगर से जो जीतता है उसका उदय इतना होता है कि वह कम से कम नॉर्थ ब्लॉक या साऊथ ब्लॉक तक तो पहुंचता ही है? यही वजह है कि आपसे यह प्रश्न पूछा है।
उत्तर : हमारी पार्टी में सबसे बड़ा पद अध्यक्ष पद होता है। मैंने जो काम किया है मैं उससे संतुष्ट हूं। आगे पार्टी जो तय करेगी।
प्रश्न : अगर 75 साल वालों को टिकट नहीं देने के नियम का अनुपालन होता है तो वर्ष 2026 में मोदी जी भी 75 प्लस के हो जाएगें. ऐसे में क्या वह भी इस नीति का अनुसरण करेगें?
उत्तर : अभी 2019 का काऊटिंग होने दो, सरकार बनने दो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिलहाल बहुत काम करने हैं। उनके पास बहुत काम है।
प्रश्न : क्या हम उनके बाद आपको पार्टी के शीर्ष पर देख सकते हैं?
उत्तर : बहुत सारे शीर्ष नेता पार्टी में हैं। मैं सबका सम्मान करता हूं। मैं इस प्रकार के निर्णय नहीं लेता।
प्रश्न : पार्टी शीर्ष पद पर आपने बहुत से काम किए हैं ऐसा कोई काम जो आपको लगता हो कि करना बाकी है?
उत्तर : हम मीडिया को अपने साथ नहीं ले सके यह काम बाकी है। हो सकता है अगले टर्म या अगली बार में यह काम कर ले।
प्रश्न : मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के जो नतीजे आए लोकसभा में भी क्या उसकी पुनर्रावृत्ति होगी?
उत्तर : जरा भी नहीं। क्योंकि यह चुनाव देश का चुनाव और देश में मोदी लहर जारी है। हम पहले से अधिक सीट से जीत रहे हैं। हम अगली सरकार मजबूती से बनाएंगे। यह आकलन जो भी कर रहा है, उसे पहले इन तीनों राज्यों में हमारे मत प्रतिशत का भी अध्ययन करना चाहिए। हम बड़ी जीत के साथ सामने आएंगे।
प्रश्न: इस विश्वास की वजह बालाकोट है.
उत्तर: क्या देश पर आक्रमण करने वालों को सबक सीखाना सरकार का दायित्व नहीं है। अगर कांग्रेस की सरकार कमजोर रही तो क्या भाजपा भी उसका अनुसरण करे। क्या भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसी तरह के कदम की अपेक्षा नहीं थी। क्या देश के नौजवानों, युवाओं, सेना के जवानों और देश के हर नागरिक की आशा के अनुरूप काम करना सरकार का कर्तव्य नहीं है। हम देश की जनता को विश्वास दिलाते हैं कि जब भी कोई पुलवामा जैसी कायराना हरकत करेगा तेा हम इसी तरह से जवाब देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में न हम सहेंगे और न ही चुप रहेंगे। हम देश को यह विश्वास दिलाते हैं, यह हमारा संकल्प है। आतंकवाद नहीं बल्कि शांति हमारा लक्ष्य है। यही वजह है कि जब हमने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी कैंप उड़ाए तो यह ध्यान रखा कि किसी आम आदमी को नुकसान न हो। यह मिलिट्री कार्रवाई नहीं थी। इसलिए किसी सैन्य ठिकाने या आबादी-बस्ती को निशाना नहीं बनाया गया। हम वैश्विक शांति के पक्षधर है। लेकिन शांति हमारी कमजोरी नहीं होगी।
प्रश्न: क्या वजह है कि एक ओर आप बालाकोट जैसी कार्रवाई करते हैं तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान जाकर पाक के प्रधानमंत्री से भी मिलते हैं। यह नरम-गरम नीति क्यों।
उत्तर: यह नरम-गरम नीति नहीं है। हमनें पहले शांति को मौका दिया, लेकिन जब पुलवामा घटना हुई तो हमनें यह स्पष्ट कर दिया कि यह मोदी का भारत है। यह न चुप रहेगा। न सहेगा, न झुकेगा। यह वार करेगा। प्रहार करेगा। इसका असर भी हुआ है। यह हमारी शांति नीति और बचाव में की गई कार्रवाई के प्रति दुनिया का विश्वास था कि पाक को बालाकोट के बाद दुनिया में कहीं से भी समर्थन नहीं मिला। पूरी दुनिया हमारे पक्ष में खड़ी हुई। इससे आतंकवादियों और उनके आकाओं की नींद उड़ गई। इससे देश की जनता को यह भी लगा कि मोदी ने जो कहा था वह किया है। यह जनता के विश्वास को बनाए रखने की कार्रवाई थी। उनके विश्वास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता थी।
प्रश्न: जिस तरह से कश्मीर में उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफती ने देश से अलग होने की बात की है, उसको लेकर क्या कहेंगे।
उत्तर: इन लोगों ने प्रमाणित कर दिया है कि उनकी नीति क्या है। लेकिन भाजपा देश को आश्वस्त करना चाहती है कि हम देश नहीं बंटने देंगे। हमारे लिए राजनीति से पहले देश है। यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी किस सोच के है। लोगों को यह सोचना है कि वह देश बांटने वालों को चुनेंगे या फिर देश को एक बनाए रखने के लिए बालाकोट जैसा हौसला दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और अधिक मजबूती से समर्थन देंगे।
प्रश्न. इस चुनाव में चंद्रबाबू नायडू, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, शरद पवार, अखिलेश यादव, मायावती जैसे नेताओं के विपक्षी एकता के दांव को कैसे देखते हैं।
उत्तर: जनता जानती हैं कि ये सभी चौकीदार की सतर्कता, समर्पण, चोरी नहीं करने देने के प्रति प्रतिबद्धता से डरकर एकजुट हुए हैं। जनता स्वयं इन्हें आइना दिखाएगी। एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे और उनके नेतृत्व में देश को तरक्की, समावेशी विकास की ओर ले जाने वाली एक मजबूत और सशक्त सरकार बनेगी। हमें जनता के विश्वास और समर्थन पर पूरा यकीन है। यही हमारी शक्ति भी है। यही हमें भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाने की ताकत देता है। क्या आपने मोदी सरकार में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सुना है। जबकि हमनें लाखों करोड़ की योजनाओं को अंजाम दिया है। इसी वजह से स्वच्छता, शौचालय, उज्जवला, उजाला, हाईवे, आयुष्मान योजना बिना किसी आरोप के न केवल पूरी हो रही है बल्कि देश के लोगों को सशक्त भी बना रही है।
प्रश्न: अंत में फिर वही पहला सवाल, इस बार कितनी सीट से बनाएंगे सरकार।
उत्तर: चुनाव शुरू होने दीजिए, आप देखेंगे कि देश की जनता स्वयं आपको इस सवाल का जवाब देगी।
लोकमत समूह से बातचीत करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।