कोरोना लॉकडाउन के बीच शिलांग के डॉक्टर ने मरीज को शराब पीने की दी सलाह, मचा बवाल

By स्वाति सिंह | Updated: April 5, 2020 09:21 IST2020-04-05T09:18:14+5:302020-04-05T09:21:57+5:30

व्हिस्की को प्रिसक्राइब करने के लिए डॉ पुरकायस्थ की निंदा करते हुए शिलॉन्ग में एक सामान्य चिकित्सक ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को इस 'अवैज्ञानिक' और 'अनैतिक' कदम के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।

Amidst corona lockdown, Shillong's doctor advised the patient to drink alcohol, created ruckus | कोरोना लॉकडाउन के बीच शिलांग के डॉक्टर ने मरीज को शराब पीने की दी सलाह, मचा बवाल

शराब उन आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल नहीं है जिन्हें सरकार ने लॉकडाउन के दौरान मंजूरी मिली है।

Highlightsदंत चिकित्सक ने एक पेशेंट को एक को व्हिस्की लिखकर विवाद खड़ा कर दिया है।लॉकडाउन के चलते पूरे देश में सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और बिक्री की अनुमति दी गई है

शिलांग: मेघालय में एक डेंटिस्ट (दंत चिकित्सक) ने एक पेशेंट को एक को व्हिस्की लिखकर विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, लॉकडाउन के चलते पूरे देश में सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और बिक्री की अनुमति दी गई है। दंत चिकित्सक द्वारा शराब की सलाह को 'अवैज्ञानिक' और 'अनैतिक बताया जा रहा है। दरअसल, धनकेटी इलाके के डेंटिस्ट डॉ बी पुरकायस्थ ने शुक्रवार को 65 वर्षीय व्यक्ति को व्हिस्की की दो लिखी। इससे एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शिकायत पर शराब को घर तक पहुंचाने (होम डिलीवरी) की अनुमति रद्द कर दी थी। 

पीटीआई के मुताबिक, डॉ पुरकायस्थ का कहना है कि रोगी को शराब की लत से निपटने में मुश्किल हो रही थी। डॉ ने कहा, 'उसे (रोगी को) सोने में दिक्कत हो रही थी। मैंने उसे सलाह दी कि स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से बचने के लिए सीमित मात्रा में शराब का सेवन करें। डॉ द्वारा दी पर्चे के अनुसार, उसमें एक दिन में 3 पेग (व्हिस्की के) से अधिक नहीं पीने की सलाह दी गई थी।

बता दें कि शराब उन आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल नहीं है जिन्हें सरकार ने लॉकडाउन के दौरान मंजूरी मिली है। लगभग सभी शराब की दुकानों को एहतियाती उपाय के रूप में बंद करने के लिए कहा गया है। वहीं, व्हिस्की को प्रिसक्राइब करने के लिए डॉ पुरकायस्थ की निंदा करते हुए शिलॉन्ग में एक सामान्य चिकित्सक ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को इस 'अवैज्ञानिक' और 'अनैतिक' कदम के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।

यहां एक अन्य मनोचिकित्सक ने कहा, "डॉक्टरों को कभी भी शराब पीना नहीं सिखाना चाहिए। एक शराबी एक रोगी होता है और अगर कोई चिकित्सा आपात स्थिति है, तो इससे निपटने के भी तरीके हैं। हालांकि, शिलांग में एक पुनर्वसन केंद्र डॉ पुरकायस्थ के समर्थन में सामने आया। उनका कहना है कि कई बार शराब की लत को नियंत्रित करने के लिए अल्कोहल की आवश्यकता हो सकती है। अगर इनकार किया जाता है तो यह उनके शारीरिक और मानसिक तौर पर ख़राब असर करता है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मेघालय इकाई के अध्यक्ष एर्नेस्ट मावरी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कॉनरेड के संगमा को पत्र लिखकर उनसे शराब की दुकाने खोले जाने की अनुमति देने की मांग की और कहा कि मद्यपान राज्य में ‘जीने का एक तरीका’ है। खासी हिल्स वाइन डीलर्स एवं वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव मावरी ने कहा कि शराब के दुकानदार अपनी दुकानें खोलने के भारी जनदबाव से जूझ रहे हैं और उनके पास ढेरों कॉल आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 25 मार्च को अकस्मात शराब की दुकानें बंद होने से लोगों की ओर से अपने हिस्से की शराब की मांग बढ़ गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह तथ्य है कि मेघालय के ज्यादातर लोगों के लिए संयम के साथ मद्यपान जीवन शैली रही है। ’’ 

Web Title: Amidst corona lockdown, Shillong's doctor advised the patient to drink alcohol, created ruckus

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