अमरनाथ यात्रा पर असमंजस बरकरार, रद्द होने की संभावना ज्यादा, जानें क्या है ताजा अपडेट

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 18, 2021 11:51 IST2021-05-18T11:49:07+5:302021-05-18T11:51:44+5:30

अमरनाथ यात्रा को इस साल भी कोरोना महामारी के कारण रद्द किया जा सकता है। पहले के कार्यक्रम के अनुसार इस साल यह तीर्थयात्रा 28 जून को शुरू होनी है और 22 अगस्त को इसका समापन होगा।

Amarnath Yatra suspense persists may get cancel due to coronavirus situation | अमरनाथ यात्रा पर असमंजस बरकरार, रद्द होने की संभावना ज्यादा, जानें क्या है ताजा अपडेट

कोरोना संकट के बीच अमरनाथ यात्रा पर असमंजस बरकरार (फाइल फोटो)

Highlightsकोरोना के कारण लगातार दूसरे साल रद्द की जा सकती है अमरनाथ यात्राअमरनाथ यात्रा को लेकर अभी तैयारियां पूरी नहीं हो सकी हैं, कई रास्तों पर बर्फ की मोटी चादरयात्रा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ भी संवाद जारी, तय कार्यक्रम के अनुसार 28 जून को शुरू होनी है यात्रा

जम्मू: लगातार दूसरी बार कोरोना के कारण वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द करने की तैयारी चल रही है। सैद्धांतिक तौर पर इसे रद्द करने का फैसला लिया जा चुका है क्योंकि सूत्रों के अनुसार कोरोना से बदतर होते हालात के कारण यात्रा की कोई तैयारी ही अभी तक आरंभ नहीं हो पाई है।

अधिकारियों के अनुसार कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड और प्रदेश सरकार श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा को आम श्रद्धालुओं के लिए रद करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस विषय में संबधित लोगों के साथ लगातार विचार-विमर्श चल रहा है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ भी संवाद किया जा रहा है। पवित्र गुफा के आस-पास अभी तक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कोई ढांचा भी तैयार नहीं किया गया है। यात्रा के दोनों मार्ग चंदनबाड़ी और बालटाल बर्फ से ढके हुए हैं।

अमरनाथ यात्रा: बालटाल मार्ग पर स्थिति बेहतर पर तैयारी के लिए चाहिए और समय

सुरक्षाबलों का एक दस्ता रैकी के लिए जरुर पवित्र गुफा तक गया है। इसके अलावा पहलगाम-चंदनबाड़ी-शेषनाग-पवित्र गुफा मार्ग की सफाई भी नहीं हुई है। इस रास्ते पर कई जगह अभी भी बर्फ की मोटी चादर है। उस पर न पैदल चला जा सकता है और न घोड़े अथवा पालकी में सवारी कर यात्रा की जा सकती है। 

बर्फ हटाने और रास्ता तैयार करने के लिए कम से कम एक माह का समय चाहिए। इसके विपरीत बालटाल मार्ग पर स्थिति कुछ बेहतर है।

पिछले साल भी यह तीर्थयात्रा कोरोना संक्रमण से पैदा हालात के मद्देनजर रद कर दी गई थी। वर्ष 2019 में यह तीर्थयात्रा 31 जुलाई को आतंकी हमले की आंशका के चलते चार दिन के लिए स्थगित की गई। फिर पांच अगस्त को इसे रद कर दिया गया था। इस दौरान सिर्फ महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में पवित्र छड़ी मुबारक ही भगवान शिव की पूजा के लिए रक्षाबंधन के दिन पवित्र गुफा में गई थी।

इस वर्ष यह तीर्थयात्रा 28 जून को शुरु होनी है। 22 अगस्त को रक्षाबंधन की सुबह श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर यह यात्रा संपन्न होगी। श्रद्धालुओं का पंजीकरण पहली अप्रैल को शुरु किया गया था। देश के विभिन्न हिस्सों की तरह प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 22 अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था।

Web Title: Amarnath Yatra suspense persists may get cancel due to coronavirus situation

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