रिकार्ड तोड़ रही है अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वालों की संख्या, 22 दिनों में आंकड़ा 4 लाख को छूने लगा, उम्मीद 8 लाख को पार कर जाने की

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: July 21, 2024 13:34 IST2024-07-21T13:20:38+5:302024-07-21T13:34:15+5:30

अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वाले वे श्रद्धालु अब राहत महसूस कर रहे हैं जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं आ रही हैं क्योंकि स्वाथ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर पोनी अर्थात खच्चरों पर एम्बुलेंस स्थापित किए हैं जो कुछ ही देर में पीड़ितों के पास पहुंच कर उन्हें राहत दे रही हैं।

Amarnath Yatra breaking records within 22 days 4 lakhs number of devotees | रिकार्ड तोड़ रही है अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वालों की संख्या, 22 दिनों में आंकड़ा 4 लाख को छूने लगा, उम्मीद 8 लाख को पार कर जाने की

रिकार्ड तोड़ रही है अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वालों की संख्या

Highlightsरिकार्ड तोड़ रही है अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वालों की संख्या22 दिनों में आंकड़ा 4 लाख को छूने लगाउम्मीद 8 लाख को पार कर जाने की

जम्मू: अमरनाथ यात्रा के 22वें दिन गुफा के दर्शन करने वालों की संख्या 4 लाख को छूने लगी थी। यह अब पिछले साल के रिकार्ड को  पार करने जा रही है जब 62 दिनों की यात्रा में लाख श्रद्धालु इसमें शामिल हुए थे। श्रद्धालुओं की रफ्तार को देखते हुए अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड को उम्मीद है कि इस बार यह आंकड़ा 8 लाख को पार कर सकता है। हालांकि सरकारी रिकार्ड 2011 की यात्रा में 6.35 लाख के शिरकत करने का है।

2007 से लेकर 2019 तक के आंकड़ों में इस साल के 22 दिनों के आंकड़े ने पिछले चार साल का रिकार्ड जरूर तोड़ दिया है। जबकि अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को उम्मीद थी कि अगर सब सकुशलता से चलता रहा तो इस बार यात्रा एक नया रिकार्ड बनाएगी। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 तथा 2018 में क्रमशः 2.63, 5.50, 3.75, 4.59, 6.35, 6.20, 3.53, 3.72, 2.20, 2.60 तथा 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने शिरकत की थी।

इतना जरूर था कि अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वाले वे श्रद्धालु अब राहत महसूस कर रहे हैं जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं आ रही हैं क्योंकि स्वाथ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर पोनी अर्थात खच्चरों पर एम्बुलेंस स्थापित किए हैं जो कुछ ही देर में पीड़ितों के पास पहुंच कर उन्हें राहत दे रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यात्रा के दौरान करीब 6000 तीर्थयात्रियों को सांस लेने में तकलीफ हुई थी जिन्हें चिकित्सा सहायता दी गई है।  तीर्थ यात्रियों को यात्रा के दौरान कोई समस्या न आए इसलिए जिन हजारों जवानों को यात्रा मार्ग में तैनात किया गया है उन्हें इस बार विशेष तौर पर बेसिक पैरा मेडिकल की ट्रेनिंग भी दी गई है। इस तरह की ट्रेनिंग देने का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मदद करना हैं।

वैसे अमरनाथ यात्रा का प्रतीक हिमलिंग यात्रा के पहले ही सप्ताह में ही पूरी तरह से पिघल गया था पर बावजूद इसके इसमें शामिल होने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। 30 जून को हिमलिंग की ऊंचाई 18 से 20 फीट के बीच थी। श्राइन बोर्ड के अधिकारी कहते थे कि ग्लोबल वार्मिंग हिमलिगं को प्रभावित कर रही है। वे इससे इंकार करते थे कि गुफा में क्षमता से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वर्ष 1996 के अमरनाथ हादसे के बाद नीतिन सेन गुप्ता कमेटी की सिफारिश थी कि 75 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को यात्रा में शामिल न होने दिया जाए। पर ऐसा कभी नहीं हो पाया। इस बार 22 दिनों में चार लाख श्रद्धालु गुफा में पहुंचे हैं। इस पर पर्यावरणविद खफा हैं। वे कहते हैं कि यात्रियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि न सिर्फ हिमलिंग को पिघलाने में अहम भूमिका निभा रही है, यात्रा मार्ग के पहाड़ों के पर्यावरण को भी जबरदस्त क्षति पहुंचा रही है।

साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से हिमलिंग तेजी से पिघल गया था। आंकड़ों के मुताबिक उस वर्ष यात्रा के महज 10 दिन में ही हिमलिंग पिघलकर डेढ़ फीट के रह गए थे। तब तक महज 40 हजार भक्तों ने ही दर्शन किए थे। साल 2016 में प्राकृतिक बर्फ से बनने वाला हिमलिंग 10 फीट का था। जो अमरनाथ यात्रा के शुरूआती सप्ताह में ही आधे से ज्यादा पिघल गया था। ऐसे में यात्रा के शेष 15 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्धालु हिमलिंग के साक्षात दर्शन नहीं कर सके थे। जबकि साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमलिंग की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष हिमलिंग महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था।
 

Web Title: Amarnath Yatra breaking records within 22 days 4 lakhs number of devotees

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