चेन्नई, 10 दिसंबर तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के उच्च शिक्षा विभाग से आह्वान किया है कि वह विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को निर्देश दें कि वे केवल टीकाकरण करा चुके विद्यार्थियों को ही परिसर में अध्ययन करने के लिए आने की अनुमति दे ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने यह आह्वान चेन्नई के एक महाविद्यालय में नौ विद्यार्थियों के संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद किया है।
राज्य के चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री मा सुब्रमण्यन और हिंदू धर्म और धर्मार्थ संपत्ति बदोबस्ती मंत्री शेखर बाबू ने विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ कोविड-19 को नियंत्रित करने संबंधी प्रोटोकाल के सभी शिक्षण संस्थानों में विस्तार की जरूरत विषय पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के दौरान सुब्रमण्यन ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी रखने और रोटेशनल आधार पर कक्षाओं के संचालन सहित सहित सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालना के साथ काम करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि चेन्नई स्थित अन्ना विश्वविद्यालय के नौ विद्यार्थियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने हाल में परामर्श जारी कर कहा था कि केवल टीकाकरण करा चुके विद्यार्थियों को ही विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के परिसरों में अध्ययन के लिए आने की अनुमति दी जानी चाहिए।
माना जा रहा है कि यह फैसला विद्यार्थियों में टीकाकरण के कम प्रतिशत के मद्देनजर लिया गया है। सुब्रमण्यन ने बताया, ‘‘अबतक तमिलनाडु में केवल 46 प्रतिशत विद्यार्थियों ने कोविड-19 की एक खुराक ली है जबकि 12 प्रतिशत विद्यार्थियों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘उच्च शिक्षा विभाग ने अनुरोध किया है कि समीक्षा बैठक में लिए गए फैसलों का अनुपालन कराने का निर्देश सभी महाविद्यालयों और जिला प्रशासन को दिया जाए।’’ सुब्रमण्यन ने बताया कि राज्य के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब चार लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं।
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