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ऑक्सीजन के उपयोग पर समिति की रिपोर्ट को लेकर आप सरकार और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप

By भाषा | Updated: June 25, 2021 22:05 IST

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नयी दिल्ली, 25 जून कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत की ऑडिट के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एक उप समूह की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने जरुरत से चार गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग की थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार पर ‘‘आपराधिक लापरवाही’’ करने का आरोप लगाया तो वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर ऐसी रिपोर्ट तैयार करने का आरोप लगाया।

दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की मांग को ‘बढ़ाचढ़ा’ कर बताए जाने वाली एक रिपोर्ट के सामने आने पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि उनका ‘अपराध’ केवल इतना है कि ‘उन्होंने दो करोड़ लोगों को सांसें देने के लिए लड़ाई लड़ी।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित ‘ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी’ ने ऐसी किसी रिपोर्ट को मंजूरी नहीं दी है, जिसमें यह कहा गया हो कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने जरुरत से चार गुणा अधिक ऑक्सीजन की मांग की थी। सिसोदिया ने कहा, ‘‘इस रिपोर्ट के बारे में सच्चाई यह है कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है। जिस कथित रिपोर्ट का हवाला देकर भाजपा के नेता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है। यह फर्जी और झूठी रिपोर्ट है। भाजपा झूठ बोल रही है और अपनी जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रही है।’’

प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने इस रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ‘‘चार गुना झूठ’’ बोलकर ना सिर्फ ‘‘जघन्य अपराध’’ किया बल्कि ‘‘आपराधिक लापरवाही’’ की है। भाजपा और कांग्रेस दोनों की दिल्ली इकाइयों ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की।

दिल्ली में अप्रैल तथा मई में कोविड-19 की दूसरी लहर का बहुत बुरा असर हुआ था। इस दौरान शहर के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण रोजाना कई लोगों की मौत हुई थी।

उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एक उप-समूह ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की खपत ‘‘बढ़ा-चढ़ाकर’’ बतायी और 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का दावा किया, जो 289 मीट्रिक टन की आवश्यकता से चार गुना अधिक थी।

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ‘‘गलत फॉर्मूले’’ का इस्तेमाल करते हुए 30 अप्रैल को 700 मीट्रिक टन मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन के आवंटन के लिए दावा किया।

इनके जवाब में केजरीवाल ने ट्वीट किया,‘‘मेरा अपराध-मैं अपनी दो करोड़ जनता को सांसे देने के लिए लड़ा। जब आप चुनाव रैली कर रहे थे,मैं पूरी रात जाग कर ऑक्सीजन की व्यवस्था कर रहा था।’’ उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा,‘‘ लोगों ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से अपनों को खोया है। उन्हें झूठा मत कहिए, उन्हें बहुत बुरा लग रहा है।’’

उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा ‘‘ ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है। हमने उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित ‘ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी’ के सदस्यों से बात की है। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी रिपोर्ट पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। भाजपा झूठी रिपोर्ट पेश कर रही है, जो उसकी पार्टी मुख्यालय में तैयार की गई है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि ऐसी रिपोर्ट पेश करें, जिस पर ‘ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी’ के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हों।’’

उन्होंने सवाल करते हुए कहा, ‘‘ जब ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की ओर से ऐसी किसी रिपोर्ट को मंजूरी नहीं प्रदान की गयी है, तो भाजपा दिल्ली सरकार की छवि खराब करने के लिए किस रिपोर्ट का इस्तेमाल कर रही है। यह रिपोर्ट कहां से आई है?’’

उन्होंने कहा कि ऐसा करके भाजपा केवल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अपमान नहीं कर रही, बल्कि ‘‘उन लोगों का भी अपमान कर रही है जिन्होंने कोरोना वायरस के कहर के प्रकोप के दौरान अपने परिवार वालों को खो दिया। ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार के कुप्रबंधन के कारण ही ‘‘ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हुआ था।’’

केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार पर निशाना साधा।

रेल मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्विटर पर कहा, ‘‘उम्मीद है कि पूरे भारत में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित करने के लिए जवाबदेही तय की गई है।’’

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के कारण, अन्य राज्यों को कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान नुकसान का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि किसी को आप सरकार से सीखना चाहिए कि शोर कैसे किया जाता है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दूसरी लहर के दौरान जब संक्रमण के मामले चरम पर थे तब दिल्ली सरकार ने 1,140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी जबकि वह 209 मीट्रिक टन का भी इस्तेमाल नहीं कर पायी थी।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने भी दूसरी कोविड लहर के दौरान लोगों की मौत के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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