हिंदू महासभा के 101 कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी को भेजी खून से लिखी चिट्ठी, मॉब लिंचिंग पर फिल्मकारों की चिट्ठी का विरोध

By एएनआई | Updated: July 29, 2019 14:37 IST2019-07-29T14:37:56+5:302019-07-29T14:37:56+5:30

हिंदू महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडे ने 49 हस्तियों की चिट्ठी पर निशाना साधा और कहा ये वही लोग हैं जो याकूब मेमन के लिए रात को दो बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं और टुकडे-टुकडे गैंग का समर्थन करते हैं।

Aligarh: Hindu Mahasabha activists send letters written in blood to PM Modi | हिंदू महासभा के 101 कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी को भेजी खून से लिखी चिट्ठी, मॉब लिंचिंग पर फिल्मकारों की चिट्ठी का विरोध

हिंदू महासभा के 101 कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी को भेजी खून से लिखी चिट्ठी, मॉब लिंचिंग पर फिल्मकारों की चिट्ठी का विरोध

Highlightsअलीगढ: अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने पीएम को 101 खून से लिखे पत्र भेजें है।हिन्दू महासभा ने पीएम मोदी से कथित टुकड़े- टुकड़े गैंग पर बैन लगाने को कहा है। अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक दक्षिणपंथी संगठन है।

मॉब लिंचिंग पर जारी विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अलीगढ के अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार (28 जुलाई ) को खून से लिखे पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे हैं। यह पत्र कुछ फिल्मकारों द्वारा प्रधानमंत्री को बढ़ती मॉब लिंचिंग पर जताई गई चिंता पर लिखे गए पत्र के जवाब में लिखा है।  

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी को 101 खून से लिखे पत्र भेजे हैं। दरअसल, कुछ फिल्मकारों ने मॉब लिंचिंग पर आपत्ति जताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था कि मुस्लिम लोगों पर हमला हो रहा है। बता दें कि 40 फिल्मकारों ने पत्र के जरिये भारत में हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर विरोध जताया है।

हिन्दू महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडे ने कहा, ''मुझे यह बताना है कि मॉब लिंचिंग कोई आज से शुरू नहीं हुई है।अमेरिका के जस्टिस लिंच के नाम से यह शब्द आता है जो मुजरिम को भीड़ द्वारा मरवाने की सजा सुनाता था। सन् 1822 से पहले इस शब्द का प्रयोग कभी नहीं हुआ। साल 1943 में हिन्दू लोग मॉब लिंचिंग के शिकार हुए तब किसी ने भी कुछ नहीं कहा।' 

उन्होंने आगे कहा, '1947-48 में जब मुस्लिमो ने हिन्दू महिलाओं का बलात्कार किया, गांधी की हत्या के बाद पंडितों की हत्याएं पूरे देश मे हुई तब किसी की आवाज नहीं निकली। 1983 में सिख दंगों के दौरान हजारों सिखों को मार दिया गया था, तब किसी ने लिंचिंग की बात क्यों नहीं की थी।'
 
प्रवक्ता अशोक पांडे ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाली हस्तियों के बारे में कहा कि ये वही लोग हैं जो याकूब मेमन के लिए रात को दो बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं और टुकडे-टुकडे गैंग का समर्थन करते हैं। हम यह पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से निवेदन करते हैं कि इन सभी लोगो की संपत्ति की जांच होनी चाहिए, इनके खातों को भी जाँच पड़ताल की जानी चाहिए। यह लोग पाकिस्तानी आतंकवादियों की छाया में रह रहे हैं, हम इनके खिलाफ सख़्त कार्रवाई की मांग करते हैं।

Web Title: Aligarh: Hindu Mahasabha activists send letters written in blood to PM Modi

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