अखिलेश ने किया खुलासा, बताया क्यों एमपी में समाजवादी पार्टी से बीएसपी का नहीं हो पाया गठबंधन
By भाषा | Updated: November 21, 2018 21:53 IST2018-11-21T06:04:16+5:302018-11-21T21:53:22+5:30
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया कि अगर कांग्रेस का मध्य प्रदेश में सपा, बसपा एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन होता तो हमें (गठबंधन को) प्रदेश की कुल 230 सीटों में से 200 से ज्यादा सीटें मिलती।

अखिलेश ने किया खुलासा, बताया क्यों एमपी में समाजवादी पार्टी से बीएसपी का नहीं हो पाया गठबंधन
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को दावा किया कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रस्तावित गठबंधन में बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) को शामिल करने को तैयार नहीं थी जिसके कारण हमारा भी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो पाया।
अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सपा का घोषणापत्र जारी करने के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने कांग्रेस से कहा था कि मध्यप्रदेश में लड़ाई बड़ी है। बसपा को भी साथ लीजिए। लेकिन कांग्रेस सपा से तो गठबंधन करने को तैयार थी, लेकिन बसपा के साथ वो कोई समझोता नहीं करना चाहती थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए मध्यप्रदेश में कांग्रेस और सपा का समझौता नहीं हो पाया और गठबंधन नहीं हुआ।’’
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया कि अगर कांग्रेस का मध्य प्रदेश में सपा, बसपा एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन होता तो हमें (गठबंधन को) प्रदेश की कुल 230 सीटों में से 200 से ज्यादा सीटें मिलती।
वर्ष 2014 के बाद देश में अधिकतर राज्यों में भाजपा सरकार आने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस की नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने गठबंधन न करके हमें कांग्रेस की आलोचना करने का अवसर दे दिया है। अब हम उनकी (कांग्रेस) नाकामियां बताएंगे।’’
अयोध्या में राममंदिर निर्माण के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मामला वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा।
अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘जब भी हम भाजपा को नोटबंदी, जीएसटी एवं वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा युवाओं के लिए किये गये दो करोड़ रोजगार देने के वादे के बारे में घेरते हैं, तो वे (भाजपा के नेता) जाति, राममंदिर एवं अन्य मुद्दों को उठाकर अपने को बचाने के लिए उनका आश्रय लेने लगते हैं।’’