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भावनात्मक असंतुलन, मनोरोग के लिये अखिल गोगोई का इलाज चल रहा है: सरमा

By भाषा | Updated: May 24, 2021 21:15 IST

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गुवाहाटी, 24 मई असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रहे जेल में बंद कार्यकर्ता और विधायक अखिल गोगोई “मनोवैज्ञानिक समस्याओं” से पीड़ित हैं और “भावनात्मक असंतुलन तथा मनोरोग” के लिये उनका उपचार चल रहा है।

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे सरमा ने गोगोई को विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने की इजाजत देने की विपक्षी कांग्रेस की मांग को खारिज कर दिया लेकिन कहा कि सरकार ने किसी के खिलाफ भी कोई नकारात्मक नजरिया नहीं रखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्हें (गोगोई को) बताया गया कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह मनोवैज्ञानिक समस्याओं के लिये उपचार ले रहे हैं। उनका भावनात्मक असंतुलन और मानसिक बीमारी के लिये इलाज चल रहा है।”

तीन दिवसीय सत्र के पहले दिन 21 मई को आरटीआई कार्यकर्ता से नेता बने गोगोई विशेष एनआईए अदालत से मंजूरी के बाद विधायक के तौर पर शपथ लेने के लिये विधानसभा आए थे। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

सरमा ने कहा, “वह (गोगोई) उस दिन विधानसभा आए थे। कोविड के नियमों को भूलकर वह सदन में हर किसी सदस्य से मिलने पहुंच गए। यह बीमारी की पूर्व-चेतावनी है। जीएमसीएच (गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल) के चिकित्सकों ने मुझे बताया कि उन्हें बीमारी है।”

उन्होंने कहा, “मैंने डॉक्टरों से पूछा कि वह स्वस्थ दिख रहे हैं, तो आपने उन्हें अस्पताल में क्यों रखा है? क्या यह उन्हें किसी तरह मदद पहुंचाने की कोशिश है? उन्होंने कहा कि नहीं सर, यह उनकी बीमारी है।”

गोगोई शुक्रवार को शपथ लेने के तत्काल बाद सभी मंत्रियों, सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों की सीट पर गए और उनसे हाथ मिलाकर या हाथ जोड़कर अभिवादन किया।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायक भरत नारा से पूछा कि विधानसभा कैसे एक बीमार व्यक्ति को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की इजाजत दे सकती है।

नारा ने उस दिन विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया था कि गोगोई को सत्र के अन्य दो दिनों की कार्यवाही में हिस्सा लेने की इजाजत दी जाए।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रदेश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों में कथित भूमिका को लेकर दिसंबर 2019 में गोगोई को गिरफ्तार किया था। उन्हें पिछले साल जीएमसीएच में कोविड-19 के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था और वह तब से अन्य बीमारियों के कारण वहीं हैं।

सरमा ने कहा, “सरकार ने किसी को लेकर कोई नकारात्मक रुख नहीं रखा है। सवाल उठाए गए कि अखिल गोगोई को क्यों बस से लाया गया? यह कोविड का समय है और पांच सुरक्षाकर्मी एक कार में आएंगे तो कोरोना नहीं फैलेगा? यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उन्हें ज्यादा जगह वाली बस में लाया जाए जिससे कोविड नियमों को बरकरार रखा जा सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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