महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने पहला ट्वीट किया है। उन्होंने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य केंदीय मंत्रियों और बीजेपी नेताओं के बधाई वाले ट्वीट को रीट्वीट करते हुए शुक्रिया अदा किया है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी टैग करते हुए लिखा 'हम एक स्थिर सरकार सुनिश्चित करेंगे जो महाराष्ट्र के लोगों के कल्याण के लिए कड़ी मेहनत करेगी।'
अजित पवार ने लिखा 'मैं एनसीपी में हूं और हमेशा एनसीपी में ही रहूंगा और शरद पवार साहब हमारे लीडर हैं। हमारी भाजपा-एनसीपी गठबंधन वाली सरकार अगले पांच वर्षों के लिए महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार प्रदान करेगा जो राज्य और इसके लोगों के कल्याण के लिए ईमानदारी से काम करेगी।
उन्होंने आगे लिखा 'चिंता करने की बिलकुल जरूरत नहीं है, सब ठीक है। बस थोड़े धैर्य की आवश्यकता है। आप सभी के समर्थन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।'
उधर, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनके पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत है और अगर देवेंद्र फड़नवीस के पास बहुमत है तो उन्हें सदन में संख्याबल साबित करना चाहिए। तीनों दलों ने यह भी कहा कि यह लोकतंत्र के साथ ‘धोखा और उसकी हत्या’ ही है कि जब एनसीपी के 41 विधायक भाजपा के साथ नहीं है, उसके बाद भी सरकार बनाने की मंजूरी दे दी गई। वहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें दो राय नहीं है कि शक्ति परीक्षण बहुमत साबित करने का सबसे अच्छा तरीका है।
बता दें कि महाराष्ट्र में हुए आश्चर्यजनक उलटफेर में शनिवार को भाजपा के देवेंद्र फडनवीस की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनने की घोषणा की थी।
बाद में शिवसेना ने देवेंद्र फडनवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘‘मनमानी और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई/फैसले’’ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा आनन-फानन में राजभवन में शनिवार सुबह आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नाटकीय तरीके से फडनवीस और पवार को शपथ दिलाए जाने के बाद राकांपा में दरार दिखाई देने लगी। पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के कदम से दूरी बनाते हुए कहा कि फडणवीस का समर्थन करना उनका निजी फैसला है न कि पार्टी का। बाद में राकांपा ने अजित पवार को पार्टी विधायल दल के नेता पद से हटाते हुए कहा कि उनका कदम पार्टी की नीतियों के अनुरूप नहीं है।