अरुणाचल प्रदेश के चार दूर-दराज के कस्बों से हवाई सेवा शुरू होगी
By भाषा | Updated: September 26, 2021 21:38 IST2021-09-26T21:38:52+5:302021-09-26T21:38:52+5:30

अरुणाचल प्रदेश के चार दूर-दराज के कस्बों से हवाई सेवा शुरू होगी
ईटानगर, 26 सितंबर अरुणाचल प्रदेश में हवाई संपर्क बढ़ाने की कोशिशों को रविवार को तब बल मिला जब राज्य के मेचुका, टूटिंग, जीरो और विजयनगर कस्बों को असम से यात्री विमान के जरिये जोड़ने का समझौता हुआ।
यहां जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अलायंस एयर को 16 सीटों वाले अपने दो डोर्नियर डीओ-228 विमान पट्टे पर देने का समझौता किया है, जिनका इस्तेमाल केंद्र की उड़ान योजना के तहत यात्री सेवा के लिए होगा। इन विमानों का निर्माण भारत में ही किया गया है।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में डिजिटल माध्यम से मौजूद रहे।
खांडू ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश के लिए संपर्क के क्षेत्र में यह लंबी छलांग हैं।’’ उन्होंने इसके लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, एचएल और अलायंस एयर को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इन उड़ानों की शुरुआत एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) से होगी। हालांकि, सेवा शुरू करने की तारीख को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में बने सभी व्यवहारिक एएलजी आने वाले दिनों में यात्री विमान सेवा से जुड़ेंगे। दो और एएलजी दिरांग और दापोरिजों का सर्वेक्षण का काम चल रहा हैं जिन्हें बाद में यात्री हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा।
खंडू ने बताया कि जीरो और टुटिंग में असैन्य यात्री टर्मिनल इमारत (पीटीबी) निर्माणाधीन है और इस साल के अंत तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। मेचुका का पीटीबी भी निर्माणाधीन है जबकि पासीघाट और तेजू में पीटीबी का पहले ही निर्माण हो चुका है।
निजी विमानन कंपनी पासीघाट और तेजू से पहले ही वाणिज्यिक उड़ान शुरू कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि राज्य की राजधानी ईटानगर के करीब होल्लोंगी हवाई अड्डा, जो बाद में डीओ-228 विमानों का बेस होगा- का निर्माण कार्य पूरा होने तक तेजू, पासीघाट, जीरो, टुटिंग, मेचुका और विजयनगर की उड़ानों का विस्तार उत्तरी असम के लखीमपुर जिला स्थित लीलाबाड़ी तक किया जाना चाहिए ताकि दूर-दराज से राजधानी आने वाले यात्री इन उड़ानों का लाभ ले सके। ईटानगर से लीलाबाड़ी सड़क मार्ग से करीब 50 किलोमीटर दूर है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।