Air India Privatization: BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एयर इंडिया की बिक्री को बताया देश विरोधी, कहा-कोर्ट जाएंगे
By स्वाति सिंह | Updated: January 27, 2020 15:14 IST2020-01-27T13:30:28+5:302020-01-27T15:14:31+5:30
एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की निविदा सरकार ने सोमवार को जारी कर दी। इस संबंध में सरकार ने 17 मार्च तक आरंभिक बोलियां के रुचि पत्र मंगाए हैं।

एअर इंडिया के निजीकरण की सोमवार को निविदा जारी करने के बाद कंपनी के विभिन्न श्रमिक संगठन यहां बैठक करेंगे।
कर्ज के बोझ से लदी एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की निविदा सरकार ने सोमवार को जारी कर दी है। इस फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एतराज जताया है। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर एअर इंडिया के निजीकरण के फैसले को लेकर लिखा 'यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते।'
वहीं, सरकार द्वारा एअर इंडिया के निजीकरण की सोमवार को निविदा जारी करने के बाद कंपनी के विभिन्न श्रमिक संगठन यहां बैठक करेंगे। सूत्रों ने जानकारी दी कि सरकार के एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की घोषणा करने के बाद यह बैठक बुलायी गयी है।
उल्लेखनीय है कि दिन की शुरुआत में सरकार ने कंपनी की हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा दस्तावेज सोमवार को जारी कर दिए। इसमें इच्छुक पक्षों से 17 मार्च तक रुचि पत्र मांगे गए हैं। एअर इंडिया के विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि यहां सरकार के निजीकरण प्रस्ताव पर बातचीत करेंगे।
एअर इंडिया के करीब दर्जनभर मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन हैं। निविदा दस्तावेज के अनुसार, एअर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार एअर इंडिया की सस्ती विमानन सेवा ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस’ में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा एअर इंडिया के सिंगापुर एयरलाइंस (सैट्स) के साथ संयुक्त उपक्रम ‘एअर इंडिया-सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड’ (एआईसैट्स) की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी।
एअर इंडिया का प्रबंधन भी सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। दो साल से भी कम अवधि में एअर इंडिया को बेचने की यह सरकार की दूसरी कोशिश है। पिछली बार सरकार का यह प्रयास असफल रहा था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में सरकार ने एअर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण निजी हाथों में देने के लिए निविदा जारी की थी।
