नई दिल्ली, 12 सितंबर: राफेल डील को लेकर विपक्ष लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर घोटाले का आरोप लगा रही है। विपक्ष का कहना है कि 59 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे में घोटाला हुआ है। मोदी सरकार ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। राफेल के विवादों के बीच अब इस डील पर पहली बार भारतीय वायुसेना का आधिकारिक बयान आया है। वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा है कि राफेल से भारतीय सेना को मजबूती मिलेगी। राफेल पर राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम आज (12 सितंबर) को ये बात कही।
वायुसेना की ताकत बढ़ाएगी राफेल
वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने नरेन्द्र मोदी सरकार का समर्थन करते हुए कहा, "राफेल और एस-400 देकर सरकार भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ा रही है, ताकि घटती संख्या से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके।"
उन्होने कहा, केंद्र सरकार आज हमें राफेल लड़ाकू विमान देने की तैयारी करवा रही है। इन विमानों के जरिए हम सेना के सामने जो भी मुश्किलें हैं, उसका सामना कर पाएंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई पर जारी वीडियो के मुताबिक, ''आज दुनिया में बहुत कम ऐसे देश हैं जो हमारी तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। हमारे दोनों तरफ परमाणु शक्ति वाले देश हैं। आज हमारे पास सिर्फ कुल 31 दस्ते ही है, जबकि 42 दस्तें की जरूरत होती है। अगर हमारे पास 42 दस्ते भी होंगे तो हमारा जंग में लड़ना काफी आसान हो जाएगा।''
उन्होंने कहा, हमारे पड़ोसी निष्क्रिय नहीं बैठे हैं। चीन अपनी वायुसेना का आधुनिकीकरण करने में लगा है। हमारे प्रतिद्वंद्वियों का इरादा रातों रात बदल सकता है। ऐसे में हमें अपने प्रतिद्वंद्वियों के स्तर का बल तैयार करने की जरूरत है। जिसमें राफेल हमारी मदद करेगा।
उन्होंने ये भी कहा नरेन्द्र मोदी सरकार ने डील में कोई घोटाला या भ्रष्टाचार ना हो, इसी को मद्देनजर रखते हुए इस डील के समझौते के लिए कुछ एयरफोर्स के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी थी।
वायुसेना के उप प्रमुख भी दे चुके हैं राफेल को लेकर बयान
वायुसेना के उप प्रमुख (वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ) एयर मार्शल एस बी देव ने कहा था इस ‘‘बेहतरीन’’ विमान से भारत को "अभूतपूर्व" युद्धक क्षमता मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग इस सौदे की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें खरीद मानदंडों को समझना चाहिए। राफेल विमानों के बारे में उन्होंने कहा कि "सौदे के बारे में काफी चर्चाएं" हो रही हैं क्योंकि लोगों को खरीद प्रक्रिया के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है।
ये हैं नरेन्द्र मोदी सरकार पर आरोप
कांग्रेस ने इस सौदे को लेकर कई सवाल उठाए हैं जिनमें विमान की कीमतें शामिल हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इस सौदे में भारी गड़बड़ी हुई है। पार्टी ने दावा किया कि सरकार हर विमान 1600 करोड़ रूपए से ज्यादा में खरीद रही है जबकि संप्रग सरकार ने 526 करोड़ रुपयों की कीमत को अंतिम रूप दिया था। हालांकि सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया है। भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये की लागत से सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था। इन विमानों की आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होने वाली है।