अयोध्या विवाद: श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ नियुक्त करने पर AIMIM चीफ ओवैसी ने उठाए सवाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 8, 2019 13:40 IST2019-03-08T13:40:30+5:302019-03-08T13:40:30+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला शुक्रवार को मध्यस्थता के लिए भेज दिया। न्यायालय ने शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला को मध्यस्थता के लिएगठित तीन सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

AIMIM Chief Asaduddin Owaisi questions on Sri Sri Ravi Shankar who has been appointed a mediator in Ayodhya case | अयोध्या विवाद: श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ नियुक्त करने पर AIMIM चीफ ओवैसी ने उठाए सवाल

ओवैसी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने किसी निष्पक्ष व्यक्ति को मध्यस्थ नियुक्त करता तो बेहतर होता। (फाइल फोटो)

Highlightsन्यायालय ने शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला को मध्यस्थता के लिएगठित तीन सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ नियुक्त करने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला शुक्रवार को मध्यस्थता के लिए भेज दिया। न्यायालय ने शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला को मध्यस्थता के लिएगठित तीन सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि पैनल के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू भी शामिल हैं।

श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ नियुक्त करने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर जिन्हें मध्यस्थ नियुक्त किया गया है, उन्होंने पहले कहा था कि 'अगर अयोध्या में मुसलमान अपना दावा नहीं छोड़ते हैं, तो भारत सीरिया बन जाएगा।' बेहतर होता अगर सुप्रीम कोर्ट ने किसी निष्पक्ष व्यक्ति को मध्यस्थ नियुक्त किया होता।
 

AIMIM Chief Asaduddin Owaisi on SC order in Ayodhya case: Sri Sri Ravi Shankar who has been appointed a mediator had earlier made a statement 'if muslims don't give up their claim on Ayodhya,India will become Syria.' It would've been better if SC had appointed a neutral person. pic.twitter.com/PthrJvYYdY

— ANI (@ANI) March 8, 2019

पीठ ने कहा कि मध्यस्थता कार्यवाही उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में होगी और यह प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर शुरू हो जानी चाहिए। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

पीठ ने कहा कि मध्यस्थता करने वाली यह समिति चार सप्ताह के भीतर अपनी कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट दायर करेगी। पीठ ने कहा कि यह प्रक्रिया आठ सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि मध्यस्थता कार्यवाही की सफलता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘अत्यंत गोपनीयता’’ बरती जानी चाहिए और प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस कार्यवाही की रिपोर्टिंग नहीं करेगा। पीठ ने कहा कि मध्यस्थता समिति इसमें और अधिक सदस्यों को शामिल कर सकती है और इस संबंध में किसी भी तरह की परेशानी की स्थिति में समिति के अध्यक्ष शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को इसकी जानकारी देंगे।

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में 14 याचिकाएं दायर हुई हैं। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि तीनों पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर बांट दी जाए। 

Web Title: AIMIM Chief Asaduddin Owaisi questions on Sri Sri Ravi Shankar who has been appointed a mediator in Ayodhya case

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