कृषि कानून : खट्टर के आवास की ओर बढ़ रहे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछार

By भाषा | Updated: December 2, 2020 16:38 IST2020-12-02T16:38:31+5:302020-12-02T16:38:31+5:30

Agriculture Law: Water showers on young Congress workers heading towards Khattar's residence | कृषि कानून : खट्टर के आवास की ओर बढ़ रहे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछार

कृषि कानून : खट्टर के आवास की ओर बढ़ रहे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछार

(परिवर्तित स्लग के साथ)

चंडीगढ़, दो दिसम्बर नए कृषि कानूनों के विरोध में चंडीगढ़ में बुधवार को प्रदर्शन के दौरान अवरोधक (बैरिकेड) लांघकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आवास की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे पंजाब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने एहतियाती तौर पर कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया।

चंडीगढ़ पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनकी योजना खट्टर के आधिकारिक आवास का ‘घेराव’ करने की थी।

युवा कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने कहा कि वे ‘‘दिल्ली चलो’’ मार्च के दौरान प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों को हरियाणा सरकार द्वारा रोके जाने और उन पर पानी की बौछार किए जाने का विरोध कर रहे थे।

चंडीगढ़ पुलिस ने खट्टर के आधिकारिक आवास से करीब तीन किलोमीटर दूर लगाए अवरोधकों के पास पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछारें की, लेकिन कुछ कार्यकर्ता अवरोधक लांघकर मुख्यमंत्री आवास के पास पहुंच गए और फिर उन पर पानी की बौछारें की गईं।

खट्टर के आवास के बाहर पुलिस की भारी तैनाती थी।

पंजाब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बरिंदर ढिल्लों के नेतृत्व में कार्यकर्ता इससे पहले कांग्रेस के चंडीगढ़ मुख्यालय के पास जमा हुए थे।

उन्होंने वहां केन्द्र में नरेन्द्र मोदी और हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की भाजपा सरकार को ‘‘किसान विरोधी’’ बताते हुए, उनके खिलाफ नारे लगाए।

हरियाणा पुलिस ने पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे पंजाब के किसानों को राज्य में दाखिल होने से रोक दिया था। हालांकि, बाद में उसने पंजाब-हरियाणा सीमा बिंदुओं से अवरोधक हटा दिए थे।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या में किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर करीब एक सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शन कर रहे किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

वहीं, सरकार का कहना है कि एमएसपी जारी रहेगी।

सकार का कहना है कि ये कानून बिचौलियों को हटाकर किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की छूट देता है और यह कृषि क्षेत्र से जुड़ा बड़ा सुधार है।

प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को किसान प्रतिनिधियों ने मंगलवार को ठुकरा दिया था। सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई उनकी लंबी बैठक बेनतीजा रही थी। अब दूसरी बैठक बृहस्पतिवार को होगी।

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Web Title: Agriculture Law: Water showers on young Congress workers heading towards Khattar's residence

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