नई दिल्ली: राज्यसभा में रविवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी। लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं ।
बताया जा रहा है कि इस हंगामे के बाद राज्यसभा के सभापति बहुत चिंतित हैं और संभावना है कि हंगामा करने वाले और कागजों को फाड़ने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई हो। राज्यसभा के अध्यक्ष वैंकेया नायडू के आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक, उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी मौजूद रहे।
कृषि क्षेत्र में विकास का नया इतिहास लिखा जाएगा : राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कृषि संबंधी दो विधेयकों को संसद से मंजूरी मिलने की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि इन दोनों विधायकों के पारित होने से कृषि क्षेत्र में वृद्धि और विकास का एक नया इतिहास लिखा जाएगा। सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ इन दोनों विधेयकों के पारित होने से न केवल भारत की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में भी यह एक बड़ा प्रभावी कदम सिद्ध होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संसद में इन दोनों विधेयकों के पारित हो जाने के बाद कृषि क्षेत्र में वृद्धि और विकास का एक नया इतिहास लिखा जाएगा।’’
कांग्रेस ने कृषि विधेयकों को किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’ कहा
कांग्रेस नीत विभिन्न विपक्षी दलों ने कृषि संबंधी संबंधी दो विधेयकों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वे किसानों के ‘डेथ वारंट’ पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। कई दलों ने दोनों विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोप लगाया कि कुछ पार्टियां किसानों को गुमराह कर रही हैं। विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त करने और कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों कृषि विधेयक लेकर आयी है। हालांकि सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि किसानों को बाजार का विकल्प और उनकी फसलों को बेहतर कीमत दिलाने के उद्देश्य से ये विधेयक लाए गए हैं।
सदस्य कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 पर सदन में एक साथ हुयी चर्चा में भाग ले रहे थे। माकपा सदस्य के के रागेश, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक के टी शिवा तथा कांग्रेस के केसी वेणुगापोल ने दोनों विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने का प्रस्ताव पेश किया।