लाइव न्यूज़ :

कृषि सुधार बिलः अधिकतम तीन दिनों में फसल पेमेंट की गारंटी, तोमर बोले- व्यापारी से विवाद, किसान के हित में फैसला

By एसके गुप्ता | Updated: September 24, 2020 20:45 IST

एपीएमसी खत्म हो जाएगी, ऐसा नहीं है क्योंकि एपीएमसी राज्यों की होती है। राज्य चाहें तो उसे रखें चाहें तो नहीं। यह किसान की मर्जी है वह चाहे तो मंडी में जाकर एपीएमसी के तहत फसल बेचे या उसके बाहर बेचें।  

Open in App
ठळक मुद्देदेश के किसान को समृद्ध बनाने की दिशा में सबसे बड़ा क्रांतिकारी बदलाव है।तोमर ने कहा कि पहले किसान को मंडी में फसल  लेकर आनी पड़ती थी। मंडी में 8.5 फीसदी टैक्स देना पड़ता था। किसान चाहता था कि 1900 रुपए क्विंटल में फसल बेचे। लेकिन बोली 1650 रुपए क्विंटल लगी तो मजबूरी में कम दाम पर फसल बेचनी पड़ती थी।

नई दिल्लीः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि सुधार बिलों को लेकर कहा है कि यह देश के किसान को समृद्ध बनाने की दिशा में सबसे बड़ा क्रांतिकारी बदलाव है।

कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं कि एपीएमसी खत्म हो जाएगी, ऐसा नहीं है क्योंकि एपीएमसी राज्यों की होती है। राज्य चाहें तो उसे रखें चाहें तो नहीं। यह किसान की मर्जी है वह चाहे तो मंडी में जाकर एपीएमसी के तहत फसल बेचे या उसके बाहर बेचें।  

तोमर ने कहा कि पहले किसान को मंडी में फसल  लेकर आनी पड़ती थी। मंडी में 8.5 फीसदी टैक्स देना पड़ता था। किसान चाहता था कि 1900 रुपए क्विंटल में फसल बेचे। लेकिन बोली 1650 रुपए क्विंटल लगी तो मजबूरी में कम दाम पर फसल बेचनी पड़ती थी। कोई भी एक्ट किसान को कब पेमेंट मिलेगा इसकी गारंटी नहीं देता है।

अब किसान घर, खेत या वेयर हाउस जहां भी उत्पादन रखा है, वहीं से फसल बेच सकता है। किसान को किसी भी स्थान पर मनचाही कीमत पर अपना उत्पादन बेचने का अधिकार दिया गया है। मंडी में टैक्स है, मंडी के बाहर कोई टैक्स किसान को नहीं देना है। नए कृषि सुधार बिल में व्यापारी किसान को तत्काल पेमेंट या अधिकतम 3 दिन के भुगतान करेगा ही। इससे अंतरराज्यीय व्यापार बढ़ेगा और किसान को समय पर उचित मूल्य मिलेगा।

कॉट्रेक्ट फार्मिंग नाम गलत है, हम बिल में किसान से करार की बात करते हैं

कॉट्रेक्ट फार्मिंग नाम गलत है। हम बिल में किसान से करार की बात करते हैं। हमारा कहना है कि खेत का मालिक और फसल का मालिक किसान है। बुवाई से पहले ही फसल के मूल्य की गारंटी मिलेगी। इस बात का प्रावधान हमारा विधेयक करता है। एक किसान खेत में होने वाली उपज का औसत मूल्य पर करार करेगा।

उदाहरण के लिए मौसमी की फसल दस रुपए किलो औसत मूल्य पर तय होगी तो किसान को रिस्क लेने में दिक्कत नहीं है। ओला पडे, पाला पडे, व्यापारी को हर हाल में किसान को भुगतान करना पड़ेगा। इसमें किसान का कोई जोखिम नहीं है।

बेशक करार 10 रुपए किलो का हुआ है अगर फसल आने के समय मौसमी का बाजार भाव 25 रुपए किलो है तो इस करार में इस बात का भी उल्लेख होगा कि बाजार भाव में बढ़ोत्तरी के अनुसार ही किसान को मूल्य लाभ दिया जाएगा। महाराष्ट्र, गुजरात में इसी तरह की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग कर रहे हैं। किसान की जमीन से संबंधित कोई लिखा पढ़ी नहीं होगा।

करार पर तकरार हुआ तो...

जिले का एसडीएम मामले का निपटारा करने के लिए सुलह बोर्ड गठित कर 15 दिन में सिफारिश मांगेगा। अगर 15 दिन में सुलह बोर्ड से हल नहीं निकलेगा तो एसडीएम खुद 30 दिन के भीतर समस्या का निपटारा करेगा।

अगर किसान दोषी है तो व्यापारी से जितनी रकम किसान ने ली है केवल वही रकम बिना ब्याज के भुगतान करेगा। इसके लिए किसान की मर्जी होगी, एसडीएम जमीन बेचकर रकम भुगतान का दबाव नहीं बनाएगा। अगर व्यापारी डिफॉल्टर है तो उस पर 150 फीसदी तक की पेनल्टी लगेगी। 

टॅग्स :भारत सरकारनरेंद्र मोदीनरेन्द्र सिंह तोमरपंजाबहरियाणाभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतGoa Fire: गोवा नाइट क्लब आग मामले में पीएम ने सीएम सावंत से की बात, हालातों का लिया जायजा

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

कारोबार500 किमी तक की उड़ान के लिए किराया 7,500, 500-1,000 किमी के लिए टिकट की कीमत 12,000 रुपये तय, जानें रेट लिस्ट

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत अधिक खबरें

भारतटीचर से लेकर बैंक तक पूरे देश में निकली 51,665 भर्तियां, 31 दिसंबर से पहले करें अप्लाई

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे