कृषि कानून राष्ट्रीय कानून हैं; राज्यों को अलग से अधिसूचित करने की जरूरत नहीं:विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: December 16, 2020 20:14 IST2020-12-16T20:14:07+5:302020-12-16T20:14:07+5:30

Agricultural laws are national laws; States do not need to be notified separately: Expert | कृषि कानून राष्ट्रीय कानून हैं; राज्यों को अलग से अधिसूचित करने की जरूरत नहीं:विशेषज्ञ

कृषि कानून राष्ट्रीय कानून हैं; राज्यों को अलग से अधिसूचित करने की जरूरत नहीं:विशेषज्ञ

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर नये कृषि कानूनों के खिलाफ जारी हजारों किसानों के प्रदर्शन के बीच कुछ राज्यों द्वारा इन कानूनों को अधिसूचित नहीं करने की बात कहे जाने पर सरकारी अधिकारियों और संविधान विशेषज्ञों ने कहा है कि ये राष्ट्रीय कानून हैं और इसलिए राज्यों को अलग से इन्हें अधिसूचित करने की जरूरत नहीं है।

केंद्र सरकार ने तीन नये कृषि कानूनों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद 27 सितंबर को ‘भारत के राजपत्र (गजट)’ में अधिसूचित किया था।

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून राष्ट्रीय कानून हैं। वे अधिसूचना की तारीख से ही देशभर में लागू हो गए थे। इसलिए, प्रत्येक राज्य द्वारा अलग से अधिसूचना जारी करने की जरूरत नहीं है। ’’

अधिकारी ने कहा कि कुछ राज्यों में किसान पहले से इन कानूनों के विभिन्न प्रावधानों का लाभ उठा रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि इस महीने की शुरूआत में तीन नये कृषि कानून में एक को अधिसूचित करने वाली दिल्ली सरकार के लिए क्या एक विशेष प्रावधान है, अधिकारी ने कहा, ‘‘इसकी जरूरत नहीं थी। ’’

समान विचार प्रकट करते हुए संविधान विशेषज्ञ एवं लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप ने कहा, ‘‘ये राष्ट्रीय कानून हैं जो देश भर में लागू होते हैं। ये राजपत्र में प्रकाशित हुए हैं और यह पूरे देश के लिए अधिसूचना है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि राज्यों के लिए यह जरूरी है कि वे अलग से इसे अधिसूचित करे। ’’

हजारों की संख्या में किसान तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनमें ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से हैं।

सितंबर में लागू किए गए नये कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है जो बिचौलियों को खत्म कर देगा और किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की अनुमति देगा।

हालांकि, प्रदर्शन कर रहे किसानों की यह आशंका है कि नये कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी प्रणाली को खत्म कर देंगे और उनके बड़े कॉरपोरेट की दया का मोहताज बना देंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Agricultural laws are national laws; States do not need to be notified separately: Expert

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे