पहली बार मतदान करने के बाद पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों ने कहा : आखिरी इच्छा पूरी हुई

By भाषा | Updated: December 4, 2020 21:46 IST2020-12-04T21:46:59+5:302020-12-04T21:46:59+5:30

After voting for the first time, refugees from West Pakistan said: last wish fulfilled | पहली बार मतदान करने के बाद पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों ने कहा : आखिरी इच्छा पूरी हुई

पहली बार मतदान करने के बाद पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों ने कहा : आखिरी इच्छा पूरी हुई

चक जफर (जम्मू), चार दिसंबर जम्मू में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के तीसरे चरण के चुनाव में वोट डालने के बाद अपनी उंगली पर लगी स्याही को देखकर 87 वर्षीय लाल चंद और उनकी 82 वर्षीय पत्नी त्रिविता की आंखों में आंसू आ गए।

दंपति ने कहा कि जीवन में एक बार मतदान करने की हमारी इच्छा आज पूरी हो गई ।

लालचंद और उनकी पत्नी पश्चिम पाकिस्तानी शरणार्थी हैं जो 1947 में विभाजन के दौरान भारत आ गए थे। पिछले साल पांच अगस्त को केंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद लगभग 1.50 लाख अन्य लोगों को जम्मू-कश्मीर के स्थानीय चुनावों में मतदान करने की योग्यता हासिल हुई है।

14 वर्ष की उम्र में 1947 में पश्चिम पाकिस्तान से भागे लालचंद ने कहा कि मैंने अपने जीवन में पहली बार मतदान किया है।

उन्होंने कहा, 'हमारी अंतिम इच्छा पूरी हो गई है।”

उनके गांव चक जाफर में कई अन्य पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों के घर में उत्सव का माहौल है।

पाकिस्तान शरणार्थी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष लाबा राम गांधी ने कहा, ‘‘हम इन चुनावों में मतदान करके बहुत खुश हैं। यह पूरे देश के लिए संदेश है कि सात दशक बाद हमारे साथ न्याय हुआ है। आज हमें हमारी आजादी मिली है।”

ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनका हक दिलाने के लिए धन्यवाद दिया।

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