अर्द्धसैनिक बलों की कश्मीर वापसी के बाद अफवाहों का बाजार गर्म

By भाषा | Updated: June 8, 2021 22:21 IST2021-06-08T22:21:07+5:302021-06-08T22:21:07+5:30

After the return of paramilitary forces to Kashmir, the market of rumors heated up | अर्द्धसैनिक बलों की कश्मीर वापसी के बाद अफवाहों का बाजार गर्म

अर्द्धसैनिक बलों की कश्मीर वापसी के बाद अफवाहों का बाजार गर्म

श्रीनगर, आठ जून चुनाव ड्यूटी के बाद अर्द्धसैनिक बल के छह हजार जवानों की हुई वापसी के बाद से जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों से अफवाहों का बाजार गर्म है। इनमें केंद्र शासित प्रदेश के पुनर्विभाजन से लेकर जिलों के पुनर्गठन के बाद चुनाव की घोषणा तक शामिल हैं।

इन अटकलों से मुख्य धारा के नेता भी अछूते नहीं हैं और पीपुल्स कांफ्रेंस प्रमुख सज्जाद लोन ने ट्वीट किया कि ऐसा लगता है जिन बातों की चर्चा चल रही है, वो सब अफवाह हैं। फिर भी अफवाहों का बाजार गर्म है।

अर्द्धसैनिक बलों की 60 कं​पनियों के यहां वापस लौटने के बाद से अफवाह फैलनी शुरू हुई। ये कंपनियां यहां पांच अगस्त 2019 से तैनात थीं, जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेकर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया था। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु में चुनावी ड्यूटी पूरी करने के बाद अर्द्धसैनिक बलों की ये कंपनियां वापस लौटी हैं ।

हालांकि, शनिवार से दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और अधिकारियों के साथ उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की चर्चा समेत बलों की आवाजाही ने इन अफवाहों को हवा दी और लगातार प्रयास के बावजूद अधिकारी इनपर विराम लगाने में विफल रहे । जम्मू क्षेत्र का प्रभार संभाल रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने ट्वीट कर बलों की किसी भी नई तैनाती से इनकार किया लेकिन उनके बयान पर सोशल मीडिया पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले कई लोग जम्मू कश्मीर के पुनर्विभाजन की बात कर रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि जम्मू को राज्य का दर्जा मिलेगा जबकि कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र रहेगा ।

कश्मीर घाटी के लोग इंटरनेट और फोन सेवाओं की संभावित बंदी के बारे में पूछताछ कर रहे हैं । पूर्ववर्ती राज्य पर लागू होने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किये जाने से पहले सरकार ने इस तरह का कदम उठाया था ।

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी एवं लोन के अचानक दिल्ली दौरे ने इन अफवाहों को और हवा दे दी है ।

लोन शुक्रवार शाम को चुपचाप श्रीनगर लौट आए, और शनिवार को ट्वीट किया, "श्रीनगर में एक प्यारी सी सुबह में उठा । ट्विटर से पता चला कि मैं दिल्ली में हूं।'' उन्होंने अफवाहों को खारिज करने का प्रयास किया ।

कुछ नेताओं को यह पूछते हुए देखा गया कि क्या श्रीनगर में एमएलए हॉस्टल को उनके नए आवास के लिए साफ किए जाने की खबरें सही हैं।

एमएलए हॉस्टल एक उप-कारागार था, जहां केंद्र के अगस्त 2019 के फैसले के बाद कई नेताओं को महीनों तक हिरासत में रखा गया था।

वरिष्ठ पत्रकार फहाद शाह ने ट्वीट किया, ''शीर्ष पुलिस अधिकारियों, नौकरशाहों, अधिकारियों (जो हालिया बैठक का हिस्सा थे) का कहना है कि जम्मू कश्मीर में जो अफवाह उड़ रही है, वह निराधार है। केवल समय ही इस बारे में बताएगा।

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Web Title: After the return of paramilitary forces to Kashmir, the market of rumors heated up

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