लाइव न्यूज़ :

प्रधानमंत्री के निमंत्रण के बाद किसान नेताओं ने सरकार से वार्ता की तारीख तय करने के लिए कहा

By भाषा | Updated: February 8, 2021 18:05 IST

Open in App

नयी दिल्ली, आठ फरवरी तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सोमवार को सरकार से कहा कि वार्ता के अगले दौर की तारीख तय करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनसे आंदोलन समाप्त करने की अपील करने और वार्ता के लिए निमंत्रण देने के बाद किसान संगठनों ने यह बात कही।

बहरहाल, किसान संगठनों ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर आपत्ति की है कि देश में आंदोलनकारियों की नई ‘‘नस्ल’’ उभरी है जिसे ‘‘आंदोलन जीवी’’ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका है।

संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य किसान नेता शिव कुमार काका ने कहा कि वे अगले दौर की वार्ता के लिए तैयार हैं और सरकार को बैठक की तारीख और समय बताना चाहिए।

काका ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने सरकार से वार्ता से कभी इंकार नहीं किया। जब भी सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया, हमने केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत की। हम उनसे (सरकार) वार्ता के लिए तैयार हैं।’’

विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन गतिरोध बना हुआ है क्योंकि किसान संगठन तीनों कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने पर अडिग हैं।

पिछले दौर की वार्ता में सरकार ने कानूनों को 12 से 18 महीने तक निलंबित रखने की पेशकश की थी लेकिन किसान संगठनों ने इसे खारिज कर दिया।

राज्यसभा में राष्ट्रपति के संबोधन पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को आश्वासन दिया कि मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं एमएसपी जारी है और जारी रहेगा।’’

मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा, ‘‘उन्हें (आंदोलनकारियों को) आंदोलन वापस लेना चाहिए और हम मिल बैठकर समाधान निकालेंगे और वार्ता के दरवाजे खुले हुए हैं। इस सदन से मैं उन्हें वार्ता के लिए फिर आमंत्रित करता हूं।’’

किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार पहले भी ‘‘सैकड़ों बार’’ कह चुकी है कि एमएसपी जारी है और जारी रहेगा।

कोहाड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अगर सरकार दावा करती है कि एमएसपी जारी रहेगा तो फिर वह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी क्यों नहीं दे रही है।’’

उन्होंने कहा कि किसान संगठन वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन औपचारिक निमंत्रण मिलना चाहिए।

किसान नेता ने कहा, ‘‘किसी भी मुद्दे का समाधान उचित वार्ता से किया जा सकता है। हम वार्ता बहाल करने के लिए सिद्धांत तौर पर तैयार हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटवेंकटेश प्रसाद केएससीए प्रेसिडेंट चुने गए, सुजीत सोमसुंदर नए वाइस-प्रेसिडेंट बने

क्रिकेटअभ्यास छोड़ ‘बीच’ रिजॉर्ट में समय बिताएं खिलाड़ी, कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा-करारी हार की वजह जरूरत से ज्यादा अभ्यास करना

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

बॉलीवुड चुस्कीबॉलीवुड डायरेक्टर विक्रम भट्ट ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार, जानें क्या है मामला

भारत अधिक खबरें

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं