जम्मू-कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहले सचिवालय स्थानांतरण को लेकर बढ़ाई गई सुरक्षा, जानें इसकी प्रक्रिया
By भाषा | Updated: November 2, 2019 22:26 IST2019-11-02T22:26:26+5:302019-11-02T22:26:26+5:30
जम्मू में नवनियुक्त उपराज्यपाल जी सी मुर्मू का भी स्वागत किया जाएगा, जिन्होंने 31 अक्टूबर को श्रीनगर में राजभवन में लद्दाख के नवनियुक्त उपराज्यपाल आर के माथुर के साथ पदभार संभाला है।

जम्मू-कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहले सचिवालय स्थानांतरण को लेकर बढ़ाई गई सुरक्षा, जानें इसकी प्रक्रिया
जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद सोमवार को पहली बार होने वाले सचिवालय स्थानांतरण (दरबार मूव) को लेकर जम्मू में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सचिवालय स्थानांतरण एक अर्ध-वार्षिक प्रक्रिया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर सरकार का कामकाज छह माह श्रीनगर और छह माह जम्मू से संचालित किया जाता है।
जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के बाद 31 अक्टूबर को दो केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख प्रभाव में आए। इसके यह पहला सचिवालय स्थानांतरण है। इसके तहत श्रीनगर में नागरिक सचिवालय तथा अन्य सरकारी कार्यालयों को 25-26 अक्टूबर को बंद कर दिया गया और अब वह चार नवंबर को यहां राजभवन के साथ खोले जाएंगे।
वहीं, जम्मू में नवनियुक्त उपराज्यपाल जी सी मुर्मू का भी स्वागत किया जाएगा, जिन्होंने 31 अक्टूबर को श्रीनगर में राजभवन में लद्दाख के नवनियुक्त उपराज्यपाल आर के माथुर के साथ पदभार संभाला है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नागरिक सचिवालय, राजभवन और अन्य प्रतिष्ठानों के साथ-साथ उन इलाकों के भीतर और बाहर सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किये गए हैं, जहां सरकारी कर्मचारी रहने जा रहे हैं। इसके तहत सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों को भी चालू किया गया है।