बिहार कांग्रेस में जारी घमासान के बाद अब भाजपा ने कसा तंज, कहा-बिहार में तो कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं
By एस पी सिन्हा | Updated: January 6, 2021 18:26 IST2021-01-06T18:23:14+5:302021-01-06T18:26:18+5:30
भरत सिंह ने दावा है कि पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा व कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा के भी नाम जुड़ सकते हैं. भरत सिंह ने कांग्रेस को राजद से अलग होने की भी सलाह दी है. कांग्रेस नेता के इस बयान पर बिहार में सियासत गर्म हो गई है.

बिहार कांग्रेस में जारी घमासान के बाद अब भाजपा ने कसा तंज, कहा-बिहार में तो कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं
पटना: बिहार कांग्रेस में जारी असंतोष के बीच विधायकों के टूटने की चर्चा के बाद सूबे की सियासत गर्मा गई है. दरअसल, विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल की छुट्टी कर दी गई है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह ने पार्टी के 11 विधायकों के कभी भी एनडीए में शामिल होने का दावा किये जाने के बाद माहौल और गर्म हो गया है. ऐसे में बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने बिहार कांग्रेस में टूट की खबर पर आज अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, "कांग्रेस पार्टी में टूट की खबर कांग्रेस के भीतर से ही आ रही है, इससे साबित होता है कि पार्टी में भयंकर असंतोष है.
यहां उल्लेखनीय है कि भरत सिंह ने दावा है कि पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा व कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा के भी नाम जुड़ सकते हैं. भरत सिंह ने कांग्रेस को राजद से अलग होने की भी सलाह दी है. कांग्रेस नेता के इस बयान पर बिहार में सियासत गर्म हो गई है. वहीं अजित शर्मा ने भी पलटवार किया है. जबकि निखिल आनंद ने कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में भयंकर असंतोष है. जिसके कारण भरत सिंह जैसे वरिष्ठ नेता टूट के दावे कर रहे हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि "भाजपा की राजनीति विचारधारा प्रेरित है, सत्ता प्रेरित नहीं है. हम किसी को तोड़ने-फोड़ने में विश्वास नहीं करते हैं. तुष्टीकरण की राजनीति छोड राष्ट्रवाद की नीति और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास करने वाले सभी का स्वागत है." दिल्ली या बिहार के नेतृत्व पर लोगों को अब भरोसा नहीं रह गया है. राहुल गांधी का मन देश से ज्यादा विदेश में लगता है और कांग्रेस पार्टी अब एड-हॉक या प्रॉक्सी तरीके से चलाई जा रही है. ऐसे में दल और उसके नेतृत्व से विक्षोभ स्वाभाविक है.
उन्होंने कहा कि बिहार में तो कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है और यह राजद की पिछलग्गू बनकर कुछ सीट प्राप्त करने में सफल हो जाती है. वैसे भी यहां पर कांग्रेस पार्टी ''फ्रेंचाइजी बेसिस पर बॉरो प्लेयर के हाथों गिरवी है. जिसमें पुराने नेता असहज महसूस कर रहे हैं." निखिल ने आगे कहा कि भाजपा राष्ट्रसेवा- समाजसेवा के मूलमंत्र और अंत्योदय के सिद्धांत को लेकर अपनी राजनीति करती है. पार्टी संगठन और उसकी विचारधारा के सतत प्रचार- प्रसार पर आधारित हमारी राजनीति है जो सिर्फ चुनाव लड़ने का ही काम नहीं करती है बल्कि समाज- राष्ट्र- मानव चरित्र का निर्माण करने में दिन- रात लगी हुई है. भाजपा की राजनीति विचारधारा प्रेरित है, सत्ता प्रेरित नहीं है.
इसबीच, भरत सिंह के बयान को कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा ने खारिज किया है. उन्होंने कहा कि भरत सिंह न जाने किस हैसियत से बोल रहे हैं. एक बार 35 साल पहले विधायक बने थे. तब से खुद ही सात-आठ बार दल बदल चुके हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने भी भरत सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि बिकाऊ या दलबदलू किस्म के लोग 2015 में ही चले गए थे. अब कांग्रेस में बिकाऊ, दलबदलू, सत्ता लोभी या लालची लोग नहीं बचे. इसपर भरत सिंह ने फिर जवाब दिया कि जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ही गलत हैं तो प्रवक्ता कैसा होगा, समझा जा सकता है. वे पार्टी में नए-नए आए हैं. अपनी बात पार्टी फोरम पर उठाने के बदले मीडिया में ले जाने पर उन्होंने कहा कि आलाकमान तक सबों की बात नहीं पहुंचती, इसलिए मीडिया का सहारा लेना पड़ा.