लाइव न्यूज़ :

साल 2015 के बाद बिहार चुनाव में भाजपा के जीत की दर बेहतर हुई, राजद व कांग्रेस की दरों में गिरावट आई

By भाषा | Updated: November 11, 2020 21:38 IST

Open in App

पटना, 11 नवंबर बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद रोमांचक मुकाबले में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 243 सीटों में से 125 सीटों पर कब्जा कर जीत हासिल की जिसमें भाजपा उम्मीदवारों की जीत की बेहतर दर का महत्वपूर्ण योगदान रहा । भाजपा का साल 2015 के चुनाव के बाद उम्मीदवारों की जीत की दर (स्ट्राइक रेट) बेहतर हुयी है जबकि राजद और कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत की दर में गिरावट आई है ।

भाजपा उम्मीदवारों की साल 2015 में जीत की दर 33.75 प्रतिश्त रही थी और 2020 के चुनाव में यह बेहतर होकर 67. 30 प्रतिशत हो गयी । वहीं, राजद का स्ट्राइक रेट 79.20 प्रतिशत से घटकर इस बार 52 प्रतिशत हो गया ।

राजद नीत महागठबंधन के उम्मीदवारों जीत की दर में कुल मिलाकर काफी गिरावट दर्ज की गई जिसमें कांग्रेस का स्ट्राइक रेट साल 2015 के 65.85 प्रतिशत के मुकाबले इस बार 27.14 प्रतिशत दर्ज किया गया जो 38 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है ।

भाजपा साल 2015 में 157 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 53 सीटों पर जीत हासिल की थी । उस समय भाजपा का मुकाबला जदयू और राजद के साथ था । लेकिन बिहार चुनाव 2020 में पिछली बार की तुलना में 47 सीटें कम पर चुनाव लड़ने के बावजूद भाजपा ने इस बार 74 सीटें जीती ।

राजद ने 2015 में 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 80 सीटें जीतने में सफल रही थी और उसका स्ट्राइक रेट 79.2 प्रतिशत था । इस बार राजद ने 144 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये और 75 सीटें जीतने में सफल रही । राजद को इस बार पिछली बार की तुलना में पांच सीटों का नुकसान हुआ है और उसके उम्मीदवारों की जीत की दर घटकर 52 प्रतिशत रह गयी ।

राजद का वोट प्रतिशत 23.1 रहा और वह भाजपा से केवल एक सीट अधिक जीत सकी ।

वहीं, नीतीश कुमार की पार्टी जदयू 2015 में 101 सीटों से लड़ी थी और 69.1 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ वह 71 सीट जीतने में सफल रही थी । वहीं साल 2020 के चुनाव में जदयू ने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 37.4 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ 43 सीट जीतने में सफल रही । जदयू के लिये चुनाव में 32 प्रतिशत का नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला हालांकि भाजपा के पक्ष में 33 प्रतिशत के झुकाव के कारण राजग संतुलन बनाने में सफल रही ।

राजद की सहयोगी कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी और 19 सीटें जीतने में सफल रही जबकि साल 2015 में कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 सीट जीतने में सफल रही थी । कांग्रेस का वोट प्रतिशत हालांकि 6.6 प्रतिशत से बेहतर होकर 9.4 प्रतिशत हो गया ।

चुनाव में जीतने की दर के हिसाब से सबसे अधिक फायदा तीन वाम दलों को हुआ । भाकपा-माले के उम्मीदवारों के जीतने की दर 63.15 प्रतिशत रही जो पहले चार प्रतिशत से कम थी जबकि माकपा के उम्मीदवारों के जीतने की दर 50 प्रतिशत और भाकपा के उम्मीदवारों के जीतने की दर 33.33 प्रतिशत रही ।

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएमआईएम के उम्मीदवारों की जीतने की दर 35 प्रतिशत रही ।

वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी केवल एक सीट जीतने में सफल रही लेकिन उसका वोट प्रतिशत बेहतर होकर पिछले चुनाव के 4.83 से बढकर 5.66 प्रतिशत दर्ज किया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND vs SA 2nd T20: 7 छक्के 5 चौके, क्विंटन डी कॉक के तूफान में उड़े भारतीय गेंदबाज, 90 रनों की शानदार पारी

क्रिकेटIndia vs South Africa 2nd T20I: 48 गेंद, 0 विकेट और 99 रन, जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह पर बरसे अफ्रीकी बल्लेबाज

भारतजदयू के संपर्क में महागठबंधन के 17-18 विधायक?, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद 'खेला', प्रवक्ता नीरज कुमार का दावा

भारतपीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बात की, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर की चर्चा

क्रिकेटIndia vs South Africa 2nd T20I: 1 ओवर में 7 वाइड और 18 रन, अर्शदीप सिंह ने तोड़े रिकॉर्ड

भारत अधिक खबरें

भारतवक्फ दस्तावेजः अपलोड की समयसीमा 1 साल और बढ़ाने की मांग, मंत्री किरेन रीजीजू से मिले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सदस्य

भारत14 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस की जनसभा, उप्र कांग्रेस नेताओं के साथ प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल की बैठक

भारतवन और पुलिस विभाग में 3-3 और अन्य विभागों में 2 प्रतिशत आरक्षण लागू, खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने दिया तोहफा

भारतकौन हैं मोहम्मद मुकिम?, सोनिया गांधी को पत्र लिखकर ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास के नेतृत्व पर उठाए सवाल

भारतDelhi Riots Case: उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए 2 हफ़्ते की अंतरिम ज़मानत मिली