अफगान संकट: भारत काबुल से अपने राजनयिकों, अधिकारियों को वापस लाया

By भाषा | Updated: August 17, 2021 23:02 IST2021-08-17T23:02:04+5:302021-08-17T23:02:04+5:30

Afghan crisis: India brings back its diplomats, officials from Kabul | अफगान संकट: भारत काबुल से अपने राजनयिकों, अधिकारियों को वापस लाया

अफगान संकट: भारत काबुल से अपने राजनयिकों, अधिकारियों को वापस लाया

काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में खराब होते सुरक्षा हालात के मद्देनजर भारत वहां से अपने राजदूत और भारतीय दूतावास के अपने कर्मियों को एक सैन्य विमान से मंगलवार को स्वदेश वापस ले आया। इसके साथ ही अफगानिस्तान में भारतीय राजनयिक मौजूदगी खत्म हो गई है। वहीं, भारत सरकार ने उन अफगान नागरिकों के लिए एक आपातकालीन ई-वीजा सुविधा की घोषणा की जो देश में आना चाहते हैं। इसी के साथ मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक में अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने व भारत से मदद की उम्मीद कर रहे अफगान नागरिकों को हरसंभव सहायता देने के साथ ही वहां के इच्छुक अल्पसंख्यक सिखों व हिंदुओं को शरण देने का अधिकारियों को निर्देश दिया। प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर हुई इस अहम बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, अफगानिस्तान में भारत के राजदूत आर टंडन सहित कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने और अफगानिस्तान से भारत आने के इच्छुक सिख, हिंदू अल्पसंख्यकों को शरण देने के लिए कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को भारत से मदद की उम्मीद कर रहे अफगान नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया। विदेश मंत्रालय ने राजनयिक मिशन के कर्मचारियों को वापस लाने की प्रक्रिया पूरी होने की घोषणा करते हुए एक बयान में कहा, ‘‘ काबुल की स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया गया कि हमारे दूतावास के कर्मियों को तत्काल भारत लाया जायेगा । यह गतिविधि दो चरणों में पूरी हुई और आज दोपहर को राजदूत और अन्य भारतीय कर्मी नयी दिल्ली पहुंच गए । ’’ विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय वायु सेना के सैन्य परिवहन विमान से भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों एवं वहां कुछ फंसे हुए भारतीयों सहित करीब 150 लोगों को काबुल से वापस लाया गया । इससे पहले, सोमवार को काबुल से एक अन्य विमान से 40 कर्मियों को वापस लाया गया था । यह दूसरी बार है जब भारत ने काबुल में दूतावास से अपने सभी कर्मचारियों को निकाला है। इससे पहले जब 1996 में तालिबान ने पहली बार सत्ता पर कब्जा किया था, तब भी भारत ने ऐसा ही किया था। अफगानिस्तान में भारत के राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने जामनगर में पत्रकारों से कहा कि काबुल में हालात बेहद खराब हैं और वहां फंसे भारतीयों को वाणिज्यिक उड़ान सेवा शुरू होने के बाद वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षित रूप से देश वापस आकर खुश हूं। हमारा बहुत बड़ा दूतावास है। दूतावास में हमारे 192 कर्मी हैं जिन्हें दो चरणों में बहुत ही व्यवस्थित तरीके से तीन दिन के भीतर अफगानिस्तान से वापस लाया गया है।’’ पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में भारत के राजदूत के रूप में दायित्व संभालने वाले टंडन ने कहा कि काबुल में तेजी से बदली स्थिति के बीच दूतावास ने अनेक परेशान भारतीयों की मदद की और उन्हें शरण भी दी।मंत्रालय ने कहा कि भारत की वीजा सेवाएं ई-आपातकालीन वीजा सुविधा के जरिए जारी रहेंगी, जिसका विस्तार अफगान नागरिकों के लिए भी किया गया है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए वीजा प्रावधानों की समीक्षा की है। भारत में प्रवेश के लिए वीजा अर्जियों पर जल्द फैसला लेने के लिए ‘ई-आपातकालीन एवं अन्य वीजा’ की नयी श्रेणी बनायी गयी है।’’ अधिकारियों ने बताया कि अफगानिस्तान में भारत के मिशनों के बंद होने के कारण वीजा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और नयी दिल्ली में अर्जियों की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि शुरुआत में वीजा छह महीने की अवधि के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अर्जियों पर कार्रवाई करते और अफगान नागरिकों को वीजा देते हुए सुरक्षा मुद्दों पर गौर किया जाएगा। सभी धर्मों के अफगान नागरिक वीजा के लिए आवेदन दे सकते हैं। मंत्रालय ने भारतीयों के साथ-साथ उनके नियोक्ताओं से भी अनुरोध किया कि वे विदेश मंत्रालय के विशेष अफगानिस्तान सेल के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करें, जिसे निकासी के समन्वय के लिए स्थापित किया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "अफगानिस्तान से आने और जाने के लिए मुख्य चुनौती काबुल हवाई अड्डे की परिचालन स्थिति है। इस पर हमारे सहयोगियों के साथ उच्च स्तर पर चर्चा की गई है, जिसमें विदेश मंत्री ने अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ चर्चा की है।" मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है और काबुल हवाई अड्डे के वाणिज्यिक संचालन के लिए खुलने के बाद उड़ान की व्यवस्था करेगी। इससे पहले, जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की है। जयशंकर अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर न्यूयॉर्क में हैं। उन्होंने बीती देर रात तीन बजे ट्वीट किया, ‘‘(अमेरिका के विदेश मंत्री) ब्लिंकन के साथ अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की। हमने काबुल में हवाईअड्डा संचालन बहाल करने की अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया। हम इस संबंध में अमेरिकी प्रयासों की बहुत सराहना करते हैं।’’एक ओर जयशंकर ने ब्लिंकन से बात की तो दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सोमवार शाम को राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के साथ भारतीय कर्मचारियों को निकालने पर बातचीत की थी। इस मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी।कहा जा रहा है कि जयशंकर और डोभाल दोनों काबुल में दूतावास से लगभग 190 भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों की निकासी की प्रक्रिया में शामिल थे। आईटीबीपी के 99 कमांडों की एक टुकड़ी तीन खोजी कुत्तों के साथ एक सैन्य विमान से वापस वतन आ गई है। उनका विमान मंगलवार को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरा। अधिकारियों ने बताया कि कमांडो अपने सभी निजी हथियार एवं सामान भी वापस लेकर आए हैं और वे दिल्ली में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक केंद्र में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत हफ्तेभर तक पृथक-वास में रहेंगे। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बताया, “इसके साथ ही काबुल में दूतावास, अफगानिस्तान में भारत के चार वाणिज्य दूतावास और राजनयिकों की सुरक्षा के लिए तैनात हमारी पूरी टुकड़ी वापस आ गई है। कमांडो, दूतावास के कर्मचारियों और अन्य भारतीय नागरिकों के साथ वापस आए हैं।” हिंडन में उतरने के बाद आईटीबीपी टुकड़ी के कमांडर रविकांत गौतम ने कहा, ‘‘ यह चुनौतीपूर्ण अभियान था, क्योंकि हम एक ऐसे देश से अपने लोगों को निकाल रहे थे, जहां सैन्यबलों की तैनाती नहीं है। भारत ने प्रयासों में बड़ा अच्छा तालमेल रखा एवं हमारे कमांडों ने जमीनी स्तर पर बहुत अच्छा काम किया।’’ उन्होंने कहा कि उनके जवान पिछले तीन-चार दिनों से सोये नहीं हैं और आखिरकार आज रात वे गहरी नींद लेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Afghan crisis: India brings back its diplomats, officials from Kabul

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे