गंगा की सहायक नदियों को 'नमामि गंगे' में शामिल करने की वकालत
By भाषा | Updated: June 25, 2021 15:45 IST2021-06-25T15:45:17+5:302021-06-25T15:45:17+5:30

गंगा की सहायक नदियों को 'नमामि गंगे' में शामिल करने की वकालत
पिथौरागढ़, 25 जून उत्तराखंड के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने शुक्रवार को गंगा की सहायक नदियों को नमामि गंगे परियोजना में शामिल किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि जब तक इन्हें साफ नहीं किया जाता तब तक राष्ट्रीय नदी की शत-प्रतिशत सफाई संभव नहीं है ।
हाल में अपने इस सुझाव को लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात करने के बाद चुफाल ने कहा, “जब तक नमामि गंगे के तहत सहायक नदियों को साफ नहीं किया जाता, तब तक गंगा की सौ फीसदी शुद्धता को हासिल नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने कहा कि राज्य में बहने वाली अन्य हिमालयी नदियों जैसे काली, गौला और रिस्पना को भी गंगा की सहायक नदियां ही समझा जाना चाहिए क्योंकि सभी कहीं न कहीं गंगा में ही मिलती हैं। चुफाल ने केंद्र से गंगा के नौ प्रदूषण वाले स्थानों पर शोधन संयंत्र स्थापित करने के लिए बजटीय आवंटन की भी मांग की ।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने उनके सुझावों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि आगामी परियोजनाओं में उन्हें शामिल किया जाएगा।
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