रिम्स में लड़कियों को दाखिला : न्यायालय का केंद्र को दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

By भाषा | Updated: September 22, 2021 17:18 IST2021-09-22T17:18:42+5:302021-09-22T17:18:42+5:30

Admission of girls in RIMS: Court directs Center to file affidavit in two weeks | रिम्स में लड़कियों को दाखिला : न्यायालय का केंद्र को दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

रिम्स में लड़कियों को दाखिला : न्यायालय का केंद्र को दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

नयी दिल्ली, 22 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को देहरादून में राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (रिम्स) में लड़कियों के दाखिले के मुद्दे पर दो हफ्ते के भीतर एक हलफनामा दायर करने का बुधवार को निर्देश देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर अब और देरी नहीं की जा सकती।

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि रक्षा बलों ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में एक पाठ्यक्रम शुरू किया है तो रिम्स में लड़कियों के दाखिले के मुद्दे को हल किया जाना चाहिए और इसे अब टाला नहीं जा सकता।

पीठ ने अपने आदेश, ‘‘हमें बताया गया कि आवेदन देने की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है और परीक्षा 18 दिसंबर को है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने सूचित किया है कि रिम्स के संबंध में महिलाओं को दाखिला देने के लिए एक अलग समिति बनायी गयी है जैसे कि एनडीए के मामले में मुद्दों को हल करने के लिए किया गया।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘एएसजी द्वारा बतायी गयी व्यवस्था के अनुसार मई 2022 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि परीक्षा का क्या होगा क्योंकि हमने एनडीए में प्रतिस्पर्धा के लिए महिला उम्मीदवारों को अनुमति दी है। हम एएसजी से इस पर दो हफ्तों के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।’’

सुनवाई की शुरुआत में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वे रिम्स में महिलाओं को दाखिला देने के संबंध में एक अध्ययन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सैनिक स्कूलों के संबंध में मिजोरम में एक प्रयोग शुरू किया गया। एनडीए के दरवाजे खुलने से रिम्स में महिलाओं के प्रवेश पर भी विचार किया जा रहा है। हम भूतपूर्व सैनिकों और अन्य मध्यस्थों के सुझाव लेंगे। वे प्रतिवेदन दे सकते हैं और अध्ययन समूह इन पर विचार करेगा।’’

इस पर उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘आपने कुछ सवालों के जवाब देने के लिए जुलाई में हमसे वक्त लिया था। आपने इतने महीनों में क्या किया।’’ इस पर एएसजी ने जवाब दिया कि पहले विरोध किया गया था जैसा कि एनडीए के मामले में था लेकिन अब रिम्स भी प्रक्रिया का पालन करेगा।

उच्चतम न्यायालय वकील कैलास उद्धवराव मोरे की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिन्होंने रिम्स, देहरादून में लड़कियों के प्रवेश के मुद्दे को उठाया है।

उच्चतम न्यायालय में चल रहे मामले में हस्तक्षेप करने वाले पक्ष के तौर पर पेश हुई एक एलुमनी एसोसिएशन ने दलील दी कि शिक्षक छात्र अनुपात के महत्वपूर्ण पहलू पर गौर करना होगा क्योंकि संस्थान में 90 फीसदी पुरुष शिक्षकों का होना उचित नहीं है।

बहरहाल इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हमारे स्कूल के वक्त में ज्यादातर शिक्षक पुरुष थे। बमुश्किल कोई महिला शिक्षिका थीं। आज जमीनी हकीकत पूरी तरह अलग है। इसे लैंगिक मुद्दा नहीं बनाए। हम इससे सहमत है कि कुछ महिला शिक्षिकाओं की मौजूदगी आवश्यक है। ये संरचनात्मक मुद्दे हैं जिन पर गौर करना होगा।’’

पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले पर अगली सुनवाई के लिए सात अक्टूबर की तारीख तय कर दी।

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Web Title: Admission of girls in RIMS: Court directs Center to file affidavit in two weeks

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