झारखंड के बीएड महाविद्यालयों में इस वर्ष स्नातक के अंकों के आधार पर प्रवेश

By भाषा | Updated: July 6, 2021 23:12 IST2021-07-06T23:12:29+5:302021-07-06T23:12:29+5:30

Admission in Jharkhand's B.Ed colleges on the basis of graduation marks this year | झारखंड के बीएड महाविद्यालयों में इस वर्ष स्नातक के अंकों के आधार पर प्रवेश

झारखंड के बीएड महाविद्यालयों में इस वर्ष स्नातक के अंकों के आधार पर प्रवेश

रांची, छह जुलाई झारखंड सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते राज्य के शिक्षाशास्त्र (बीएड) महाविद्यालयों में वर्तमान सत्र (वर्ष 2021-23) में स्नातक के अंकों के आधार पर प्रवेश देने का निर्णय लिया है।

झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में इस आशय का फैसला किया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की वैश्विक महामारी को देखते हुए तथा एनसीटीई-2014 के नियमों के आलोक में राज्य के मान्यता प्राप्त बीएड महाविद्यालयों में सत्र 2021-23 के लिए छात्रों का नामांकन संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा के स्थान पर मेधा सूची के आधार पर करने का निर्णय मंत्रिपरिषद् ने लिया। उन्होंने बताया कि मेधा सूची तैयार करने एवं काउंसलिंग एजेंसी के रूप में मंत्रिपरिषद् ने झारखंड कंबाइंड एंट्रेंस कंपटेटिव एग्जामिनेशन बोर्ड (जेसीईसीईबी), रांची को प्राधिकृत करने की स्वीकृति दी।

उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बीएड महाविद्यालयों के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं हो पा रही है जिसके चलते छात्र हित में और बीएड महाविद्यालयों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से मेधा सूची के आधार पर इस सत्र में छात्रों का प्रवेश लेने का निर्णय लिया गया।

एक अन्य बड़े निर्णय में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते विषम परिस्थिति में उपयोग में नहीं आयी अंतरराज्य बसों एवं परिवहन वाहनों तथा समस्त स्कूल बसों, सिटी बसों (समस्त माल वाहनों एवं उक्त अवधि में व्यवहृत वाहनों को छोड़कर) के झारखंड मार्ग कर भुगतान में विलंब के चलते लगने वाले दंड शुल्क से उन्हें छूट प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गई।

मंत्रिपरिषद् ने विलुप्त हो रही कला विधाओं को पुनर्जीवित करने और उनके प्रशिक्षण के लिए आज गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत प्रशिक्षण नियमावली, 2021 को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की। इसके तहत प्रतिवर्ष किसी दो विलुप्त हो रही कला तथा संगीत, नृत्य, चित्रकला आदि की विधा को पुनर्जीवित करने के लिए एक गुरु, उसके सहयोगी एवं शिष्यों पर दो वर्ष तक 11 लाख, 88 हजार रुपये प्रतिवर्ष व्यय करने की अनुमति होगी।

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Web Title: Admission in Jharkhand's B.Ed colleges on the basis of graduation marks this year

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