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जयपुर गोल्डन अस्पताल में मरीजों की मौत पर प्रशासन लीपापोती कर रहा है : पीड़ित परिवार

By भाषा | Updated: August 4, 2021 19:53 IST

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नयी दिल्ली, चार अगस्त जयपुर गोल्डन अस्पताल में कोविड-19 पीड़ित 21 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं होने संबंधी पुलिस के दावे के एक दिन बाद पीड़ित परिवारों ने प्रशासन पर मामले में ‘लीपापोती’ करने की कोशिश का आरोप लगाया और जांच की मांग की।

पीड़ित परिजनों में से एक एरिक मैसे ने कहा कि अस्पताल के निदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अस्पताल को ऑक्सीजन नहीं मिली थी।

इस अस्पताल में मैसे की मां डेल्फिन की ऑक्सीजन की कथित कमी की वजह से मौत हो गयी थी।

एरिक मैसे ने कहा, ‘‘ केंद्र ने हाल में कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुईं और ये बातें विशिष्ट तौर पर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने कही हैं। वे हमें बेवकूफ बना रहे हैं। मौत संबंधित विवरण में सांस का रुकना या हृदय गति रुकना बताया गया है। यह तकनीकी भाषा में लिखा है। हम उपयुक्त जांच की मांग कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि वे पहले से उपलब्ध ऑक्सीजन भंडार पर ही काम कर रहे हैं जिसका मतलब था कि ऑक्सीजन का दबाव बहुत कम था और वेंटीलेटर पर रखे गए मरीजों का निम्न ऑक्सीजन दबाव पर जीवित रहना मुश्किल था।

मैसे ने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि भारत में पूरी महामारी के दौरान किसी भी अस्तपाल में 21 मरीजों की प्राकृतिक कारणों से मौत हुई होगी। यह लीपापोती जैसा जान पड़ता है।’’

जगज्योति सिंह की मां सरबजीत कौर भी उन 21 लोगों में शामिल थीं जिनकी जयपुर गोल्डन अस्तपाल में 24 अप्रैल की रात को मौत हो गयी थी क्योंकि अस्पताल ऑक्सीन आपूर्ति का इंतजार करता रह गया।

सिंह ने कहा, ‘‘ यह नाटक जैसा जान पड़ता है। वे हमें बेवकूफ बना रहे हैं। मौत किस वजह से हुईं- उसकी जांच की जानी चाहिए। हम रात में सो नहीं पाते हैं। मेरी मां की अस्पताल ने हत्या कर दी। वे हर चीज का ठीकरा प्रोटोकॉल पर फोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।’’

अस्पताल में उस रात अपनी मां सीमा अवस्थी को गंवा चुकी नव्या अवस्थी ने कहा कि इससे पता चला कि सरकार को लोगों के दुख-दर्द की जगह मामले में लीपापोती करने की परवाह है।

उन्होंने कहा कि डॉ. बलुजा ने स्वयं ही कहा था कि इन मरीजों की मौत में ऑक्सीजन की कमी से इनकार नहीं किया जा सकता।

दिल्ली पुलिस ने मंगवार को यहां एक अदालत में कहा था कि जयपुर गोल्डन अस्पताल में कोविड-19 से पीड़ित 21 मरीजों की मौत ऑक्सीज की कमी की वजह से नहीं हुई थी।

यह दावा अस्पताल के रुख के विपरीत है।

पुलिस की उसी स्थिति रिपोर्ट में अस्पताल ने कहा है कि ऑक्सीजन की कमी एवं मरीजों की मौत के बीच संबंध है क्योंकि कई अलर्ट के बाद भी उसे 30 घंटे तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की गयी।

अस्पताल में 23-24 अप्रैल की रात कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से 21 कोविड रोगियों की मौत हो गई थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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